Friday, July 13, 2012

जीजेयू को लेना पड़ेगा ओपन काउंसलिंग का सहारा

ए' ग्रेड विश्वविद्यालय होने के बाद गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कई विभागों में प्रवेश लेने वाले छात्रों का अकाल पड़ गया है। हालात यह हैं कि रिक्त सीटों को भरने के लिए इन तीसरी काउंसलिंग के बाद ओपन काउंसलिंग का सहारा लेना पड़ रहा है। छात्रों की घटती संख्या ने विश्वविद्यालय और विभागों की कार्यशैली और योग्यता पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं।

कब तक चलेगी काउंसलिंग

चार जुलाई से शुरु हुई काउंसलिंग 31 अगस्त तक चलेगी। इस दौरान किसी प्रकार से सीटों को भरना विभाग की जिम्मेवारी होती है। यदि तीन काउंसलिंग के बाद भी यदि किसी विषय की सीटें नहीं भर पाती है। तो उसके लिए ओपन काउंसलिंग का विकल्प बचता है। इस काउंसलिंग के लिए कुलपति से अनुमति लेनी पड़ती है। जिसके बाद विज्ञापन के माध्यम से छात्रों को एडमिशन के लिए बुलाया जाता है। इसमें छात्र में सिर्फ विषय के लिए मांगी गई योग्यता होना जरुरी है।

अभी इस प्रकार के हालात रहे प्रवेश परीक्षा के इसके अतिरिक्त एनवायरनमेंट और फूड टैक्नोलॉजी विभागों के भी हालात खस्ता है। इन विभागों में भी दो सीटों से लेकर दस छात्रों ने दाखिले लिए हैं। गुजवि में पिछले साल भी एड एंड पीआर, मॉस कम्यूनिकेशन, इंवायरनमेंट, फिजियोथेरेपी,फूड टैक्नोलॉजी विभागों को ओपन काउंसलिंग का सहारा लेना पड़ा था। इनमें से एंड एंड पीआर हर बार ओपन काउंसलिंग से खुद को मर्ज होने से बचाता है। क्योंकि उसे दस छात्रों की जरूरत होती है। इस विभाग में पिछले साल बारह व उसे पहले 25 छात्र थे। रजिस्ट्रार आरएस जागलान ने बताया कि विभागों के विभागाध्यक्षों की मीटिंग कुछ दिनों पहले कुलपति के साथ हुई थी। ओपन काउंसलिंग का फैसला भी मीटिंग में लिया जाएगा। जहां तक छात्रों के रवैये की बात है उसमें कही न कही प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष भी जिम्मेदार है।

कोर्स सीट छात्र

ऐड एंड पीआर 50 14

मॉस कम्यूनिकेशन 50 43

बेचलर ऑफ फिजियोथेरेपी 50 36 



मास्टर ऑफ फिजियोथेरेपी 40 17

0 comments

Post a Comment

Note: Only a member of this blog may post a comment.