Thursday, June 21, 2012

हरियाणा ओपनत्नबोर्ड ने सेकंडरी और सीनियर सेकंडरी का परिणाम घोषित किया


 
कम लेकिन पिछले साल से अच्छा रहा रिजल्ट
॥इस बार दोनों कक्षाओं का रिजल्ट काफी कम रहा है, लेकिन पिछले साल के मुकाबले यह बढ़ा है। बोर्ड की कोशिश है कि परिणाम अच्छा आए। इसके लिए ओपन स्कूल के परीक्षार्थियों के लिए कक्षाएं लगाई जा रही हैं। ओपन स्कूल ने पिछले साल ही यह सिस्टम शुरू किया है। इन कक्षाओं से बच्चों को काफी फायदा होगा और आने वालो बरसों में इन कक्षाओं के रिजल्ट में सुधार दिखने लगेगा। -प्रतिभा दहिया, डिप्टी डायरेक्टर, ओपन स्कूल, भिवानी बोर्ड।

ओपन बोर्ड के १०वीं के रिजल्ट पर अगर विषयानुसार नजर डाले, तो पता चलता है कि विज्ञान के प्रति बच्चों का रुझान सबसे कम रहा। इस विषय में सिर्फ 23.86 फीसदी बच्चे पास हो सके। विज्ञान के बाद बच्चों को सबसे कठिन विषय गणित लगा। इसमें महज 25.51 फीसदी बच्चों की नैया पार लग पाई। इसके अलावा अंग्रेजी में 47.27, सामाजिक शास्त्र में 49.44, हिंदी में 52.10, पंजाबी में 56.41 फीसदी बच्चे पास हुए। बच्चों का सबसे ज्यादा पास प्रतिशत गृहविज्ञान (65.17 फीसदी) में रहा। उधर १२वीं के बच्चों को पर्यावरण विज्ञान विषय से बड़ा डर लगता है। इस विषय में सिर्फ 16 फीसदी बच्चे पास हो पाए। इसके अलावा फिजिकल में 25, बायोलॉजी में 33, अकाउंट्स में 35, केमिस्ट्री में 44.42 और इकोनॉमिक्स में केवल 43 फीसदी बच्चे पास हो सके।

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने ओपन का दसवीं का रिजल्ट बुधवार को घोषित कर दिया। इस रिजल्ट में 85 फीसदी से ज्यादा छात्र फेल हो गए। १२वीं का रिजल्ट भी कुछ खास नहीं रहा और इस परीक्षा में बैठे कुल छात्रों में से भी सिर्फ एक तिहाई के आसपास ही उत्तीर्ण हो सके हैं।

ओपन बोर्ड की १०वीं की परीक्षा में कुल 28 हजार 849 छात्र बैठे थे जिनमें से 25 हजार 903 फेल हो गए। इस परीक्षा में पास प्रतिशत 86.46 रहा। सेमेस्टर (रि-अपीयर) में बैठे कुल 2080 छात्रों में से 1695 और सीटीपी/एसटीसी में बैठे कुल 6636 में से 4674 छात्र फेल हो गए। अगर शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के रिजल्ट पर अलग-अलग नजर डालें तो शहरी क्षेत्रों के सिर्फ 10.04 फीसदी और ग्रामीण क्षेत्रों के महज 14.58 फीसदी छात्र पास हुए। लड़कियों की पास प्रतिशतता 11.09 और लड़कों की 14.49 फीसदी रही।

१२वीं में सिर्फ एक तिहाई पास : ओपन बोर्ड का १२वीं का परिणाम दसवीं के मुकाबले कुछ ठीक रहा। इस परीक्षा में कुल 37 हजार 664 छात्र बैठे और इनमें से 26 हजार 739 फेल हुए। इनकी प्रतिशतता 62.52 रही। सेमेस्टर(रि-अपीयर) में बैठे 1258 छात्रों में से 821 फेल हुए। शहरी क्षेत्र में सिर्फ 38.19 और ग्रामीण क्षेत्र में 37.23 फीसदी छात्र पास हो सके। लड़के-लड़कियों के अलग-अलग परिणाम देखें, तो 45.62 फीसदी लड़कियां और 33.77 फीसदी लड़के पास हुए। 

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