आइआइटी संस्थानों और पूर्व छात्रों के बढ़ते विरोध के बीच मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने स्पष्ट कर दिया है कि सरकार 2013 से ही एकल प्रवेश परीक्षा आयोजित करेगी। वहीं, आइआइटी कानपुर के बाद आइआइटी दिल्ली ने भी अलग प्रवेश परीक्षा कराने के संकेत दिए हैं। आइआइटी दिल्ली की सीनेट बृहस्पतिवार को इस पर रुख स्पष्ट करेगी। सिब्बल ने बुधवार को एक इंटरव्यू में कहा कि आइआइटी, एनआइटी और ट्रिपलआइटी के लिए एकल प्रवेश परीक्षा का फैसला उनका नहीं, बल्कि आइआइटी काउंसिल का है। ज्यादातर आइआइटी संस्थान इसके समर्थन में हैं। आइआइटी दिल्ली के प्रतिकूल संकेतों के बीच सिब्बल ने दावा किया कि सिर्फ आइआइटी कानपुर ही विरोध कर रही है। उन्होंने आइआइटी कानपुर की सीनेट से बातचीत कर मतभेद दूर करने का भरोसा भी दिया। सिब्बल ने स्पष्ट किया कि 12वीं बोर्ड परीक्षा के नतीजों को 50 फीसदी और मुख्य परीक्षा को 50 फीसदी वेटेज दिया जाएगा। हालांकि, आइआइटी फैकल्टी सूत्रों ने मंगलवार को संकेत दिया था कि 12वीं परीक्षा के नतीजों को मेरिट में वेटेज न देने समेत उसकी कई मांगों को केंद्र सरकार मान सकती है। सिब्बल ने दावा किया कि छात्रों में 12वीं परीक्षा की महत्ता बरकरार रखने और कोचिंग संस्थानों के बढ़ते दखल को रोकने में एकल प्रवेश कारगर होगी। साथ ही तमाम इंजीनियरिंग परीक्षाओं के लिए दर्जनों आवेदन करने और संस्थानों के चक्कर लगाने से भी निजात मिलेगी।
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