बोर्ड ने यह कदम बीते शैक्षणिक सत्र में फर्जी कागजात के आधार पर दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों की स्थिति उत्पन्न न हो इसलिए लिया गया है। इसके लिए बोर्ड की एक विशेष टीम कागजातों की जांच कर रही है। काउंसलिंग के दौरान करीब एक दर्जन विद्यार्थियों को वापस लौटने के निर्देश भी दिए जा चुके हैं।
इसलिए करते हैं गलती
विभागीय जानकारी के अनुसार अधिकांश विद्यार्थी यह गलती काउंसलिंग के दौरान अपना पसंदीदा कालेज पाने के लिए करते हैं। वे मेरिट सूची में हासिल अंक के बजाए अपनी मर्जी से अंक लिख देते हैं। कागजातों की जांच के दौरान यह बात साबित होने के साथ ही विद्यार्थी का दाखिला रद्द किए जाने के आदेश है।
शिक्षा निदेशालय की ओर से सभी डीईओ को गेस्ट टीचरों के कागजात जांच किए जाने के आदेश भी दिए गए हैं। विभाग ने यह निर्णय प्रदेश में विभिन्न जिलों में फर्जी कागजात के बल पर नौकरी हासिल करने वाले गेस्ट टीचरों के मामले सामने आने पर यह निर्देश दिए हैं। सोनीपत में करीब 10 एवं हिसार में 12 ऐसे गेस्ट टीचरों को बाहर का रास्ता दिखाया भी जा चुका है।
पिछली बार भी की थी गलती
छात्रों द्वारा फॉर्म में अधिक प्रतिशतता भरने की गलती पिछले साल भी की गई थी। काउंसलिंग के टीम सदस्य अजाद सिंह नेहरा ने बताया कि पिछले साल तो नंबर वन रैंक पाने वाले छात्र ने ही गलत प्रतिशतता भर रखी थी। उन्होंने बताया कि कुछ छात्र मैरिट लिस्ट में आने व मनपसंद कॉलेज लेने के चक्कर में जानबूझ कर ऐसा करते हैं, लेकिन वे यह भूल जाते हैं कि ऐसा कर वे डीएड में दाखिला लेने का अवसर खो देते हैं। फॉर्म भरने के बारे में सही जानकारी का न होना जिम्मेदार बता रहे हैं। सही जानकारी नहीं होने के कारण छात्रों को मायूसी का सामना करना पड़ा।
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