प्राथमिक शिक्षक संघ ने बायोमैट्रिक मशीन पर हाजिरी न लगाने का फैसला लिया है। बुधवार को शिक्षक संघ की बैठक में जिला प्रधान की अध्यक्षता में यह फैसला लिया गया। शिक्षकों ने आरोप लगाया कि स्कूल मुखिया प्राथमिक शिक्षक को मानसिक रूप से प्रताडि़त करने के लिए बायोमैट्रिक सिस्टम पर हाजिरी लगाने के लिए दबाव बना रहे हैं। जबकि इस संबंध में कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं हुए हैं। ऐसे में प्राथमिक शिक्षक बायोमैट्रिक मशीन से हाजिरी नहीं लगाएंगे।
बैठक में जिला महासचिव सुनील बास ने कहा कि विभिन्न हाई और सेकंडरी स्कूलों के मुखिया अपने स्कूल में साथ लगते प्राथमिक स्कूलों के स्टाफ को भी मशीन से हाजिरी लगाने के लिए मजबूर कर रहे हैं। ऐसा न करने पर अध्यापकों का वेतन रोकने की धमकी दी जा रही है। जबकि मौलिक शिक्षा निदेशक के आदेशों के तहत प्राथमिक स्कूल का हाजिरी रजिस्टर व हाई स्कूल मुखिया का रजिस्टर अलग होता है। उन्होंने कहा कि स्कूल मुखियाओं की मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
ऐलान
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने शिक्षा विभाग द्वारा प्रस्तावित ठेकेदारी प्रथा पर भर्ती करने की नीति पर गहरा रोष जताया है। संघ नेताओं ने चेतावनी दी कि इस नीति के खिलाफ 30 अपै्रल को लघु सचिवालय पर प्रदर्शन करते हुए उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेगा। जिला प्रधान सुरेंद्र सैनी ने कहा कि सरकार के इस निर्णय के तहत अध्यापकों की नई भर्ती केवल ठेकेदारी प्रथा के तहत की जाएगी। जिसके चलते भर्ती होने वाले अध्यापकों को पांच साल तक महंगाई भत्ता, चिकित्सा भत्ता और मकान किराया भत्ता सहित सभी सुविधाओं से वंचित किया गया है। इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा। अगर सरकार ने अपना निर्णय वापस नहीं लिया तो इसके खिलाफ एक व्यापक आंदोलन शुरू किया जाएगा।
बैठक में जिला महासचिव सुनील बास ने कहा कि विभिन्न हाई और सेकंडरी स्कूलों के मुखिया अपने स्कूल में साथ लगते प्राथमिक स्कूलों के स्टाफ को भी मशीन से हाजिरी लगाने के लिए मजबूर कर रहे हैं। ऐसा न करने पर अध्यापकों का वेतन रोकने की धमकी दी जा रही है। जबकि मौलिक शिक्षा निदेशक के आदेशों के तहत प्राथमिक स्कूल का हाजिरी रजिस्टर व हाई स्कूल मुखिया का रजिस्टर अलग होता है। उन्होंने कहा कि स्कूल मुखियाओं की मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने शिक्षा विभाग द्वारा प्रस्तावित ठेकेदारी प्रथा पर भर्ती करने की नीति पर गहरा रोष जताया है। संघ नेताओं ने चेतावनी दी कि इस नीति के खिलाफ 30 अपै्रल को लघु सचिवालय पर प्रदर्शन करते हुए उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेगा। जिला प्रधान सुरेंद्र सैनी ने कहा कि सरकार के इस निर्णय के तहत अध्यापकों की नई भर्ती केवल ठेकेदारी प्रथा के तहत की जाएगी। जिसके चलते भर्ती होने वाले अध्यापकों को पांच साल तक महंगाई भत्ता, चिकित्सा भत्ता और मकान किराया भत्ता सहित सभी सुविधाओं से वंचित किया गया है। इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा। अगर सरकार ने अपना निर्णय वापस नहीं लिया तो इसके खिलाफ एक व्यापक आंदोलन शुरू किया जाएगा।