ञ्चजिले में 15 डीपीई, पीटीआई है एनआईएस
कोचों की कमी से जूझ रहे खेल विभाग ने खेल व्यवस्था बेहतर बनाने के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट आफ स्पोट्र्स (एनआईएस) से कोर्स करने वाले डीपीई, पीटीआई का सहारा लेने की योजना बनाई है। योजना के तहत एनआईएस कोर्स करने वाले डीपीई, पीटीआई को खेल विभाग डेपुटेशन पर लेगा। इसकी प्रक्रिया चल रही है तथा जल्द ही जिले के ऐसे डीपीई, पीटीआई, जिन्होंने एनआईएस का कोर्स कर रखा है कि लिस्ट खेल विभाग के डायरेक्टर कार्यालय में भेजी जाएगी।
योजना पर योजना
जिले में फिलहाल 125 डीपीई व चार सौ के करीब पीटीआई कार्यरत हैं। इनका कार्य खिलाडिय़ों का खेल निखारना है। खेल विभाग व शिक्षा विभाग लगातार नई योजनाएं बना रहा है।
पिछले दिनों योजना बनाई थी कि पायका सेंटर की जिम्मेवारी डीपीई, पीटीआई को सौंप दी जाए। इस बारे में शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा पत्र भी स्कूलों में जारी किए गए और सभी डीपीई,पीटीआई की पायका सेंटरों पर स्कूली बच्चों को कोचिंग देने की जिम्मेवारी लगाई गई। अब बारी मुख्य स्टेडियम की है। यहां भी कोचों की कमी को दूर करने के लिए एनआईएस से कोर्स करने वाले डीपीई को चुना गया।
जिले में करीब 15 डीपीई, पीटीआई ऐसे हैं जिन्होंने एनआईएस से कोर्स कर रखा है। ऐसे में इन सभी को खेल विभाग स्टेडियम में लगा खिलाडिय़ों को बेहतर कोचिंग दिलाने की तैयारी कर रहा है।
॥खेल विभाग ने एनआईएस कोर्स करने वाले डीपीई, पीटीआई की लिस्ट मांगी है। विभाग डेपुटेशन पर डीपीई, पीटीआई चाहता है। हमने लिस्ट भेज दी है। जिले में 15 डीपीई, पीटीआई ने एनआईएस से कोर्स कर रखा है।ञ्जञ्ज
प्रदीप सांगवान, सहायक जिला शिक्षा अधिकारी (खेल)
॥एनआईएस कोर्स करने वाले डीपीई, पीटीआई को खेल विभाग डेपुटेशन पर लेने की योजना बना रहा है। ताकि खिलाडिय़ों को बेहतर ट्रेनिंग मिल सके। इस बारे में खेल निदेशक से बातचीत हुई थी तथा अब एनआईएस कोर्स कर चुके डीपीई, पीटीआई की लिस्ट निदेशक कार्यालय भेजी जा रही है।ञ्जञ्ज
छाजूराम गोयत, जिला खेल अधिकारी
जिले में फुटबाल, हैंडबाल, बैडमिंटन, लॉन टेनिस, तीरंदाजी आदि करीब आधा दर्जन खेलों का कोई कोच नहीं है जबकि वॉलीबाल का एक ही कोच है।
जिले में फिलहाल 32 कोच है, जबकि जरूरत दोगुने की है। अधिकतर मुख्य खेलों के कोच नहीं है तो अनेक खेलों के एक-एक कोच है जबकि जरूरत तीन-तीन, चार-चार की है।
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