पूरे देश में लागू होने के बावजूद हरियाणा सरकार ने जो टीचर सर्विस रूल्स अधिसूचित किए हैं, उनमें टीचर भरती होने के लिए टीईटी से छूट देने की घोषणा की है। वह सिर्फ एक बार ही मिलेगी।
रूल्स में साफ लिखा है कि संबंधित पदों प्राइमरी टीचर (पीआरटी), ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर (टीजीटी) और पोस्ट ग्रेजुएट टीचर (पीजीटी) भरती होने के लिए न्यूनतम योग्यता तो होना जरूरी है ही, साथ में टीईटी पास होना भी जरूरी है, लेकिन इस बार जो भरती होगी, उसमें उन्हें टीईटी से छूट दी जाएगी, जो चार साल का स्कूल शिक्षक का अनुभव रखते हों। उन्हें यह छूट सिर्फ एक बार ही मिलेगी। अगर उनका चयन हो गया तो उन्हें एक अप्रैल 2015 से पहले टीईटी भी पास करना होगा। यानी कांट्रैक्ट पीरियड के दौरान ही टीईटी पास होना अनिवार्य है।
पात्र अध्यापक संघ इन नियमों का लगातार विरोध कर रहा है। संघ की तरफ से हाईकोर्ट में इन नियमों को चुनौती देने की घोषणा संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र शर्मा कर चुके हैं। उनका आरोप है कि जब पूरे देश में यह टेस्ट जरूरी नहीं था, तब हरियाणा सरकार ने इसे लागू कर दिया था और अब तक 15 लाख शिक्षित बेरोजगार चार बार हुए इस टेस्ट में बैठ चुके हैं, लेकिन पास सवा लाख ही हुए हैं। अब उन्हें उम्मीद थी कि टीचर भरती बोर्ड अब भरती करेगा तो उनका नंबर लगेगा, लेकिन हरियाणा सरकार ने टीईटी से छूट दे दी है। इससे पूरे देश के लाखों बेरोजगार आवेदन करेंगे।
>पात्र अध्यापक संघ लगातार कर रहा है विरोध
नियमों में स्पष्ट किया गया है कि पीआरटी, टीजीटी और पीजीटी के लिए चार साल का स्कूल शिक्षक का अनुभव रखने वालों के भरती में टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी) से सिर्फ एक बार ही छूट मिलेगी। अगर उनका चयन हो गया तो उन्हें एक अप्रैल 2015 से पहले टीईटी भी पास करना होगा। यानी कांट्रैक्ट पीरियड के दौरान ही टीईटी पास होना अनिवार्य है।