चंडीगढ़, जागरण ब्यूरो : प्रदेश में चार साल का शैक्षणिक अनुभव रखने वाले शिक्षकों को नियमित भर्ती के लिए हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा (एचटीइटी) से छूट प्रदान कर दी गई है। हरियाणा शिक्षक भर्ती बोर्ड ने सोमवार को यह महत्वपूर्ण फैसला लिया है। शिक्षक भर्ती बोर्ड ने चार साल का शैक्षणिक अनुभव रखने वाले अध्यापकों को इस परीक्षा से अलग किया है, लेकिन साथ ही यह शर्त भी रखी है कि उन्हें 2015 तक पात्रता परीक्षा क्लीयर करनी होगी। हरियाणा शिक्षक भर्ती बोर्ड के ताजा फैसले के अनुसार प्रदेश के किसी भी सरकारी स्कूल, सरकारी अनुदान प्राप्त स्कूल अथवा मान्यता प्राप्त स्कूल में चार साल तक शिक्षण कार्य करने वाले व्यक्ति बिना पात्रता परीक्षा के नौकरी के लिए आवेदन करने के पात्र होंगे। वर्ष 2015 से पहले वह नौकरी के लिए चयनित भी हो सकते हैं। यदि इस अवधि में वह चयनित हो जाते हैं तो उन्हें 2015 तक पात्रता परीक्षा पास करनी होगी। इस फैसले से नई भर्ती में हजारों शिक्षकों को लाभ मिलेगा। एचटेट पास अभ्यार्थियों को इससे परेशानी हो सकती है। इस फैसले का सबसे अधिक फायदा अतिथि अध्यापकों को होने की उम्मीद की जा रही है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कुछ दिन पहले शिक्षक भर्ती बोर्ड का गठन कर सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर नंदलाल पुनिया को बोर्ड का चेयरमैन नियुक्त किया था। करनाल के ज्ञानचंद सहोता, रोहतक के त्रिभुवन प्रकाश बोस, दिल्ली की डॉ. सरीना और रेवाड़ी के जगदीश प्रसाद शिक्षक भर्ती बोर्ड के सदस्य हैं। भर्ती बोर्ड के सचिव धर्मवीर ने इस फैसले की पुष्टि की है। फैसले के अनुसार जो लोग पिछले चार साल से किसी भी मान्यता प्राप्त स्कूल में अध्यापन कार्य कर रहे हैं, उन्हें एचटीईटी परीक्षा से मुक्त किया गया है। इस फैसले के बाद हजारों बीएड डिग्रीधारकों को लाभ मिलेगा। सभी में खुशी का माहौल देखा जा रहा है।
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