Tuesday, April 24, 2012

प्राइवेट प्रकाशक की पुस्तकें पढ़ी तो होगी कार्रवाई

अब विद्यार्थी सरकार द्वारा स्वीकृत की गई पुस्तकें ही पढ़ सकते हैं। कारण यह कि सभी सरकारी व गैर सरकारी स्कूल जो हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के अंतर्गत आते हैं, उन्हें सरकार ने प्राइवेट प्रकाशक की पुस्तकें पढ़ाने पर रोक लगा दी है। प्राइवेट प्रकाशक की पुस्तकें जहां गुणवत्ता में खरी नहीं उतरती वहीं दूसरी ओर सरकार के राजस्व को भी घाटा पहुंचाती है।
शिक्षा बोर्ड के समन्वय केंद्र प्रभारी जगदीश श्योराण कहते है कि शिक्षा बोर्ड द्वारा निर्धारित पाठ्य पुस्तकें न पढ़ाने वाले स्कूलों पर बोर्ड विशेष निगाह रखेगा। नियमों की अवेहलना करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही पाठ्य सामग्री की परिचायक पुस्तकें पढ़ाना भी नियम के विरुद्ध है। वहीं सरकार ने बोर्ड से सीधे पुस्तक खरीदने वाले स्कूलों को 15 प्रतिशत छूट पर पुस्तकें उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। वे कहते है नए सत्र में यह नियम कड़ाई से लागू किया गया है जिसकी अवेहलना करने वाले स्कूलों की किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा।