सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले नौवीं से 12वीं कक्षा के छात्रों को साल भर के दौरान सिर्फ 140 दिन ही कक्षाएं लगानी होंगी। 70 दिन की पढ़ाई के दम पर ही वे अगले सेमेस्टर में प्रवेश कर जाएंगे। यह शिक्षा विभाग के शैक्षणिक कैलेंडर का सच है। पिछले दिनों शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों के लिए शैक्षणिक कैलेंडर जारी किया था। इसके अनुसार स्कूलों में 231 दिन कक्षाएं लगाई जानी हैं लेकिन अध्ययन करने से पता चलता है कि नौवीं से 12वीं कक्षा के छात्रों की पढ़ाई 231 दिन नहीं बल्कि 140 दिन ही होगी। शैक्षणिक कैलेंडर में कहीं पर भी परीक्षा, उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन, टीचर्स सेमिनार, आपात छुट्टियों का जिक्र नहीं है। किसी भी सेमेस्टर की परीक्षाएं कम से कम 15 दिन चलती हैं। इसके बाद 10 दिन तक उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन होता है। यानी, स्टाफ इनमें
व्यस्त रहता है। इसके अलावा एक सेमेस्टर में औसतन सात दिन सर्व शिक्षा अभियान या फिर राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत सेमिनार लगते हैं जिनमें अध्यापकों को भाग लेना होता है। दोनों सेमेस्टर के इन व्यस्त दिनों को जोड़ा जाए, तो इनकी संख्या 64 बनती है। इसमें टीचर्स को मिलने वाले सालाना 20 आकस्मिक अवकाश व अत्यधिक गर्मी/सर्दी/कोहरा/बाढ़ से होने वाली सालाना करीब 10 छुट्टियां शामिल नहीं हैं। इन सभी को जोड़ने पर घोषित शैक्षणिक दिवस में से 94 दिन कम हो जाते हैं। यानी, 9वीं से 12वीं कक्षा के छात्रों की पढ़ाई साल भर में 231 दिन नहीं, सिर्फ 137 दिन ही होनी है। यानी एक सेमेस्टर के लिए पढ़ाई के दिन 70। उधर, स्कूली शिक्षा निदेशक समीर पाल सरो कहते हैं कि कैलेंडर में कोई खामी नजर आएगी, तो उसे दूर किया जाएगा।
व्यस्त रहता है। इसके अलावा एक सेमेस्टर में औसतन सात दिन सर्व शिक्षा अभियान या फिर राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत सेमिनार लगते हैं जिनमें अध्यापकों को भाग लेना होता है। दोनों सेमेस्टर के इन व्यस्त दिनों को जोड़ा जाए, तो इनकी संख्या 64 बनती है। इसमें टीचर्स को मिलने वाले सालाना 20 आकस्मिक अवकाश व अत्यधिक गर्मी/सर्दी/कोहरा/बाढ़ से होने वाली सालाना करीब 10 छुट्टियां शामिल नहीं हैं। इन सभी को जोड़ने पर घोषित शैक्षणिक दिवस में से 94 दिन कम हो जाते हैं। यानी, 9वीं से 12वीं कक्षा के छात्रों की पढ़ाई साल भर में 231 दिन नहीं, सिर्फ 137 दिन ही होनी है। यानी एक सेमेस्टर के लिए पढ़ाई के दिन 70। उधर, स्कूली शिक्षा निदेशक समीर पाल सरो कहते हैं कि कैलेंडर में कोई खामी नजर आएगी, तो उसे दूर किया जाएगा।
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