Monday, May 28, 2012

100 रुपए के लिए कौन खुलवाए खाता

अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार नियम के तहत विद्यार्थियों को मिलने वाली 100 से 150 रुपए की स्टेशनरी राशि के वितरण के तौर-तरीकों पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। शिक्षा विभाग की ओर से दी जाने वाली राशि के लिए जरूरी है कि संबंधित छात्र का बैंक में अकाउंट खुला होना चाहिए और बैंक से उसे यह राशि मिलेगी। 
इतनी कम राशि के लिए बैंक अकाउंट खुलवाने के जहमत उठाने को अधिकतर अभिवावक तैयार ही नहीं है। उनका कहना है कि इतनी राशि के लिए कौन बार-बार बैंक के चक्कर काटेगा। ऐसे में सवाल उठता है कि विभाग की ओर से दी जाने वाली स्टेशनरी सहायता राशि प्रदेश भर के विद्यार्थी ले पाएंगे या फिर वह एसएमसी के खाते में ही पड़ी रहेगी। राशि अकाउंट से ही मिलने की शर्त से अध्यापकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 


निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार नियम 2011 के तहत शिक्षा विभाग की ओर से कक्षा पहली से आठवीं तक के गैर अनुसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थियों के लिए मुफ्त स्टेशनरी, वर्दी, तथा स्कूल बैग दी जाती है। इसमें वर्दी के लिए 400 रुपए प्रति छात्र बैग के लिए 120 से 150 रुपए एमएमसी के खातों में भेजे जाते हैं। प्रावधान है कि विद्यालय प्रबंधन समितियां इस राशि से वर्दी व बैग खरीद कर विद्यार्थियों को उपलब्ध करवाएगी। इसी तरह स्टेशनरी राशि के रूप में विभाग की ओर से कक्षा पहली से पांचवी तक के विद्यार्थियों को प्रति छात्र 100 रुपए व कक्षा छठी से आठवीं तक के विद्यार्थियों को 150 रुपए प्रति छात्र के राशि दी जाती है। इस राशि के वितरण में समस्या यह है कि स्कूल प्रबंधन समितियां इस राशि को विद्यार्थियों के अकाउंट में डालेगी। 

बैंक अकाउंट जरूरी 

॥स्टेशनरी राशि का सही ढंग से वितरण हो सके इसके लिए ही बैंक अकाउंट के जरिए दिए जाने का प्रावधान किया गया है। इसको प्राप्त करने में अकाउंट खुलवाना जरूरी है। विभाग की योजना है कुछ सोच-समझकर ही ऐसा प्रावधान किया गया है। दलजीत सिंह, खंड शिक्षा अधिकारी जुलाना।