जल्द ही प्रदेश के लाखों छात्रों को शिक्षा विभाग व शिक्षा बोर्ड के नए परिवर्तनों का सामना करना पड़ेगा। शिक्षा बोर्ड प्रशासन कई अहम मुद्दों पर निर्णय लेने जा रहा है। इसके लिए बोर्ड ने 21 मई को बोर्ड निदेशक मंडल की बैठक बुलाई है। काउंसिल ऑफ बोर्ड ऑफ स्कूल एजूकेशन (कोबसे) की बैठक में आरोही स्कूलों को सवा करोड़ के गिफ्ट समेत अन्य मुद्दे निदेशक मंडल के समक्ष रखने का निर्णय लिया गया। बोर्ड के निदेशक तय करेंगे कि शिक्षा बोर्ड के नियमों में परिवर्तन कर 1 करोड़ 25 लाख रुपये का बोझ डाला जाए या नहीं। इसके अलावा प्रदेश के स्कूलों में ग्रीष्म अवकाश 30 दिन की बजाय 40 दिन करने पर भी विचार किया जाएगा। बोर्ड मुख्यालय पर सोमवार को आयोजित की गई बैठक में उच्चाधिकारियों की राय थी कि प्रदेश में शिक्षा विभाग स्कूलों में फसली अवकाश अप्रैल माह की बजाय 1 जून से शुरू होने वाले ग्रीष्म अवकाश के साथ जोड़ दिया जाए।
अब तक 8 से 18 अप्रैल तक फसली अवकाश दिया जाता है, जबकि ग्रीष्म अवकाश 1 जून से 30 जून तक निर्धारित है। अधिकारियों व प्राचार्यो की राय थी कि फसली अवकाश से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है और फसल कटाई का कार्य बच्चों की बजाय अभिभावकों को करना चाहिए। बैठक में फैसला किया गया कि इस मुद्दे को भी बोर्ड निदेशकों की बैठक में रखा जाए। इसके अलावा अब स्कूल प्राचार्यो द्वारा सतत मूल्यांकन के दौरान नंबर देने की बजाय ग्रेड देने की तैयारी भी बोर्ड प्रशासन ने कर ली है। सेमेस्टर सिस्टम के प्रथम चरण को स्कूल स्तर पर लागू करने का मुद्दा भी इसी बैठक में रखा जाएगा। इस बारे में शिक्षा बोर्ड के सचिव डी के बेहरा ने पुष्टि करते हुए कहा कि 21 मई की बैठक में इन मुद्दों पर अंतिम निर्णय होगा। सेमेस्टर सिस्टम के प्रथम चरण को स्कूल स्तर पर लागू करने एवं परीक्षा प्रणाली को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से कोबसे, शिक्षा बोर्ड के उच्चाधिकारियों एवं स्कूल प्राचार्यो की बैठक सोमवार को बोर्ड मुख्यालय पर आयोजित की गई। बैठक में कई मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया। बैठक में कोबसे के महासचिव प्रोफेसर डीवी शर्मा, शिक्षा बोर्ड के सचिव डी के बेहरा, निदेशक एनके सालवान, टीआईटी स्कूल के प्राचार्य डीपी कौशिक, रोहतक से प्राचार्या राजबाला, रेवाड़ी से प्राचार्य रामपाल यादव, फरीदाबाद एवं कुरुक्षेत्र से प्राचार्यो ने शिरकत की।
अब तक 8 से 18 अप्रैल तक फसली अवकाश दिया जाता है, जबकि ग्रीष्म अवकाश 1 जून से 30 जून तक निर्धारित है। अधिकारियों व प्राचार्यो की राय थी कि फसली अवकाश से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है और फसल कटाई का कार्य बच्चों की बजाय अभिभावकों को करना चाहिए। बैठक में फैसला किया गया कि इस मुद्दे को भी बोर्ड निदेशकों की बैठक में रखा जाए। इसके अलावा अब स्कूल प्राचार्यो द्वारा सतत मूल्यांकन के दौरान नंबर देने की बजाय ग्रेड देने की तैयारी भी बोर्ड प्रशासन ने कर ली है। सेमेस्टर सिस्टम के प्रथम चरण को स्कूल स्तर पर लागू करने का मुद्दा भी इसी बैठक में रखा जाएगा। इस बारे में शिक्षा बोर्ड के सचिव डी के बेहरा ने पुष्टि करते हुए कहा कि 21 मई की बैठक में इन मुद्दों पर अंतिम निर्णय होगा। सेमेस्टर सिस्टम के प्रथम चरण को स्कूल स्तर पर लागू करने एवं परीक्षा प्रणाली को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से कोबसे, शिक्षा बोर्ड के उच्चाधिकारियों एवं स्कूल प्राचार्यो की बैठक सोमवार को बोर्ड मुख्यालय पर आयोजित की गई। बैठक में कई मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया। बैठक में कोबसे के महासचिव प्रोफेसर डीवी शर्मा, शिक्षा बोर्ड के सचिव डी के बेहरा, निदेशक एनके सालवान, टीआईटी स्कूल के प्राचार्य डीपी कौशिक, रोहतक से प्राचार्या राजबाला, रेवाड़ी से प्राचार्य रामपाल यादव, फरीदाबाद एवं कुरुक्षेत्र से प्राचार्यो ने शिरकत की।