हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन (हसला) ने हरियाणा स्कूल कैडर सेवा नियम 2011 में प्रधानाचार्य की पदोन्नति के लिए शत प्रतिशत कोटे का प्रावधान केवल प्राध्यापकों से किए जाने की मांग की है। हसला प्रदेशाध्यक्ष किताब सिंह मोर व महासचिव दलबीर पंघाल ने बताया कि जब नई व्यवस्था में कक्षा 9 से 12 को केवल प्राध्यापक ही पढ़ाएंगे तो प्रधानाचार्य व उपप्रधानाचार्य की पदोन्नति के लिए शत प्रतिशत पदोन्नति का प्राकृतिक अधिकार भी केवल प्राध्यापकों का ही बनता है क्योंकि नई शिक्षा प्रणाली में मास्टर वर्ग का कार्यक्षेत्र केवल आठवीं कक्षा तक सिमट कर रह जाता है। प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि यदि नए सेवा नियमों में एलीमेंट्री हैड के लिए प्रधानाचार्य के पद पर पदोन्नति का मार्ग प्रशस्त किया गया तो ये पूर्ण रूप से प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के खिलाफ होगा
तथा हसला ऐसे फैसले का सिरे से विरोध करेगा। संगठन उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने से भी नहीं चूकेगा। वर्तमान समय में भी शिक्षा विभाग की भेदभावपूर्ण नीति के कारण चार वर्ष की सेवा काल के हाई स्कूल हैडमास्टर प्राध्यापकों से कम योग्यता रखते हुए भी प्रधानाचार्य के पद पर पदोन्नति पा चुके हैं जबकि 20 वर्ष की सेवाकाल के प्राध्यापक आज भी पदोन्नति से वंचित हैं।
तथा हसला ऐसे फैसले का सिरे से विरोध करेगा। संगठन उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने से भी नहीं चूकेगा। वर्तमान समय में भी शिक्षा विभाग की भेदभावपूर्ण नीति के कारण चार वर्ष की सेवा काल के हाई स्कूल हैडमास्टर प्राध्यापकों से कम योग्यता रखते हुए भी प्रधानाचार्य के पद पर पदोन्नति पा चुके हैं जबकि 20 वर्ष की सेवाकाल के प्राध्यापक आज भी पदोन्नति से वंचित हैं।