पहले फर्जी तरीके से नियुक्ति पाने वाले गेस्ट टीचर फंसे, अब बारी है उन्हें नियुक्ति देने वालों की। जिलास्तर पर ऐसे 12 अधिकारियों की लिस्ट शिक्षा निदेशालय को भेजी गई है, जिन पर गेस्ट टीचर भर्ती के फर्जीवाड़े में शामिल होने की आशंका है।
इससे शिक्षा विभाग के तमाम अधिकारियों में हड़कंप मचा है। शिक्षा विभाग ने जिले के उन सभी अधिकारियों की लिस्ट मांगी है, जिन्होंने नियमों को ताक पर रखकर अपने चहेतों को गेस्ट टीचर की पोस्ट पर नियुक्ति दी थी। इस मामले में पिछले दिनों सभी संबंधित जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी किए गए थे। विभाग इन अधिकारियों का रिकॉर्ड चेक करने के बाद जांच रिपोर्ट देगा, जिसके आधार पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई तय मानी जा रही है। स्कूलों में शिक्षा स्तर को बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग ने वर्ष 2005 में जब अतिथि अध्यापकों की नियुक्ति के लिए संबंधित स्कूल मुखियाओं को अधिकार दिए गए थे।
इसमें कई अधिकारियों ने बिना कागजी जांच पड़ताल और मिलीभगत से ऐसे शिक्षकों को नियुक्त कर लिया, जो नियमों पर खरे नहीं उतर रहे थे। इस संबंध में शिकायत मिलने पर विभाग ने करीब छह महीने पहले जिला स्तर पर अतिथि अध्यापकों के कागजात चेक किए थे, जिसमें 23 अध्यापकों की नियुक्ति फर्जी पाई गई थी। विभागीय सूत्रों के अनुसार जिला स्तर पर ऐसे सभी अधिकारियों की रिपोर्ट तैयार कर उच्चाधिकारियों को भेजी गई है। इसमें ऐसे कई अधिकारियों का नाम शामिल हैं, जो अभी हाल ही में रिटायर हुए हैं।
वहीं कई अधिकारियों को पदोन्नत कर अन्य स्थानों पर भेज दिया गया है। विभागीय रिपोर्ट में नारनौंद खंड के पूर्व खंड शिक्षा अधिकारी का नाम सबसे अधिक विवादास्पद रूप में उभर कर सामने आया है।
ञ्चदेवेंद्र सिंह, एसएस मास्टर बनभौरी।
ञ्च पुष्पा शर्मा, बीईओ बरवाला।
ञ्च आशा भाटिया, एसएस अध्यापिका हसनगढ़।
ञ्च जयभगवान, बीईओ, नारनौंद।
ञ्च बिमला मिगलानी, बीईओ आदमपुर।
ञ्च रामकुमार, प्राचार्य चमारखेड़ा।
ञ्च जग सिंह सिवाच, प्राचार्य भकलाना।
ञ्च उषा ठकराल, प्राचार्य अग्रोहा।
ञ्च धनपत जैन, मुख्याध्यापक लुदास।
ञ्च शकुंतला आर्य, मुख्याध्यापक सीसवाला।
ञ्च भूप सिंह, डीडीओ भैणी बादशाहपुर।
ञ्च ओपी रावल, प्राचार्य।
इससे शिक्षा विभाग के तमाम अधिकारियों में हड़कंप मचा है। शिक्षा विभाग ने जिले के उन सभी अधिकारियों की लिस्ट मांगी है, जिन्होंने नियमों को ताक पर रखकर अपने चहेतों को गेस्ट टीचर की पोस्ट पर नियुक्ति दी थी। इस मामले में पिछले दिनों सभी संबंधित जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी किए गए थे। विभाग इन अधिकारियों का रिकॉर्ड चेक करने के बाद जांच रिपोर्ट देगा, जिसके आधार पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई तय मानी जा रही है। स्कूलों में शिक्षा स्तर को बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग ने वर्ष 2005 में जब अतिथि अध्यापकों की नियुक्ति के लिए संबंधित स्कूल मुखियाओं को अधिकार दिए गए थे।
इसमें कई अधिकारियों ने बिना कागजी जांच पड़ताल और मिलीभगत से ऐसे शिक्षकों को नियुक्त कर लिया, जो नियमों पर खरे नहीं उतर रहे थे। इस संबंध में शिकायत मिलने पर विभाग ने करीब छह महीने पहले जिला स्तर पर अतिथि अध्यापकों के कागजात चेक किए थे, जिसमें 23 अध्यापकों की नियुक्ति फर्जी पाई गई थी। विभागीय सूत्रों के अनुसार जिला स्तर पर ऐसे सभी अधिकारियों की रिपोर्ट तैयार कर उच्चाधिकारियों को भेजी गई है। इसमें ऐसे कई अधिकारियों का नाम शामिल हैं, जो अभी हाल ही में रिटायर हुए हैं।
वहीं कई अधिकारियों को पदोन्नत कर अन्य स्थानों पर भेज दिया गया है। विभागीय रिपोर्ट में नारनौंद खंड के पूर्व खंड शिक्षा अधिकारी का नाम सबसे अधिक विवादास्पद रूप में उभर कर सामने आया है।
ञ्चदेवेंद्र सिंह, एसएस मास्टर बनभौरी।
ञ्च पुष्पा शर्मा, बीईओ बरवाला।
ञ्च आशा भाटिया, एसएस अध्यापिका हसनगढ़।
ञ्च जयभगवान, बीईओ, नारनौंद।
ञ्च बिमला मिगलानी, बीईओ आदमपुर।
ञ्च रामकुमार, प्राचार्य चमारखेड़ा।
ञ्च जग सिंह सिवाच, प्राचार्य भकलाना।
ञ्च उषा ठकराल, प्राचार्य अग्रोहा।
ञ्च धनपत जैन, मुख्याध्यापक लुदास।
ञ्च शकुंतला आर्य, मुख्याध्यापक सीसवाला।
ञ्च भूप सिंह, डीडीओ भैणी बादशाहपुर।
ञ्च ओपी रावल, प्राचार्य।