फतेहाबाद के ढाणी डुल्ट गांव के विरेंद्र कुलडिय़ा ने आईएएस परीक्षा पास कर 409वां स्थान प्राप्त किया है। 10वीं तक की पढ़ाई गांव में करने के बाद विरेंद्र ने पंजाब से ग्रेजुएशन और चंडीगढ़ से इंजीनियरिंग की। वर्ष 2009.10 में ग्रेजुएशन करने के बाद आईएएस की तैयारियों में जुट गए। पहली कोशिश में असफल होने के बाद फिर से परीक्षा दी और सफलता हासिल कर ली।
उन्होंने कहा कि परीक्षा को जितना मुश्किल समझते हैं हकीकत में यह इतनी मुश्किल नहीं होती है। बस माइंड सैट क्लियर होना चाहिए। सात से आठ घंटे पढ़ाई परीक्षा में सफलता है लिए प्रर्याप्त होते हैं। 24 वर्षीय विरेंद्र इस बात की उम्मीद कम है कि उन्हें आईएएस कैडर मिलेगा। उन्होंने कहा कि वह फिर से इसके लिए तैयारी करेंगे। अपनी इस सफलता का श्रेय माता मैना देवा और पिता राजेंद्र कुल्हडिय़ा के सहयोग और आशीर्वाद को दिया है। इससे पहले विरेंद्र ने नोयडा में कंप्यूटर साइंसिज कार्पोरेशन में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर भी काम किया। विरेंद्र का कहना है कि कार्पोरेट जगत में एक कंपनी के लिए काम किया जाता है। लेकिन उस काम में वह संतोष नहीं मिलता है जो प्रशासन में रहकर लोगों की सेवा करने में मिलता है।
|