परीक्षार्थियों ने कोर्ट में याचिका लगाई थी कि एच टेट में उनके कुछ विषयों में शून्य अंक क्यों दर्शाए गए हैं, जबकि उनके पेपर बढिय़ा हुए थे।
इस पर शिक्षा बोर्ड ने जवाब दिया कि जिन परीक्षार्थियों ने उत्तरपुस्तिका में विषयों के विकल्प नहीं भरे, उनके अंक ही शून्य दिखाए गए हैं।
याचिकाकर्ताओं ने जवाब दिया कि उन्होंने कई ऐसे विषयों के विकल्प भी नहीं भरे थे, जिनमें वे अच्छे अंकों से पास हुए हैं। फिर बोर्ड प्रशासन ने किस आधार पर उनके बाकी विषयों में शून्य अंक दर्शाए हैं। हाईकोर्ट ने इस सवाल के बाद शिक्षा बोर्ड को याचिकाकर्ताओं की उपस्थिति में उत्तरपुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन करने के आदेश दिए हैं।
॥हाईकोर्ट में 17 मई को मामले की सुनवाई हुई थी, जिसमें कोर्ट ने शिक्षा बोर्ड प्रशासन को सात दिन के अंदर याचिकाकर्ताओं की उपस्थिति में उनकी उत्तरपुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन करने का आदेश दिया है। अब बोर्ड प्रशासन ने याचिकाकर्ताओं को 28 मई को बुलाया है।ञ्जञ्ज जसबीर मोर, एडवोकेट, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट
इस पर शिक्षा बोर्ड ने जवाब दिया कि जिन परीक्षार्थियों ने उत्तरपुस्तिका में विषयों के विकल्प नहीं भरे, उनके अंक ही शून्य दिखाए गए हैं।
याचिकाकर्ताओं ने जवाब दिया कि उन्होंने कई ऐसे विषयों के विकल्प भी नहीं भरे थे, जिनमें वे अच्छे अंकों से पास हुए हैं। फिर बोर्ड प्रशासन ने किस आधार पर उनके बाकी विषयों में शून्य अंक दर्शाए हैं। हाईकोर्ट ने इस सवाल के बाद शिक्षा बोर्ड को याचिकाकर्ताओं की उपस्थिति में उत्तरपुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन करने के आदेश दिए हैं।
॥हाईकोर्ट में 17 मई को मामले की सुनवाई हुई थी, जिसमें कोर्ट ने शिक्षा बोर्ड प्रशासन को सात दिन के अंदर याचिकाकर्ताओं की उपस्थिति में उनकी उत्तरपुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन करने का आदेश दिया है। अब बोर्ड प्रशासन ने याचिकाकर्ताओं को 28 मई को बुलाया है।ञ्जञ्ज जसबीर मोर, एडवोकेट, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट