आर्मी चीफ जनरल वीके सिंह के प्रयासों से कस्बा झोझूकलां में हुई सेना भर्ती में शामिल हुए 7500 युवकों में से 604 ने शारीरिक परीक्षा पास की है। भर्ती रैली में बवानीखेड़ा के सबसे अधिक पिछड़े और चरखी दादरी के युवा सबसे आगे रहे। भर्ती में भाग लेने वाले युवाओं व चयनित युवाओं के प्रतिशत के अनुसार बवानीखेड़ा के 7.2, बाढड़ा के 7.6 और चरखी दादरी के 9.4 प्रतिशत युवा शारीरिक दक्षता परीक्षा पास करने में सफल रहे। सेना द्वारा दौड़ में युवाओं को मैदान में भेजा गया तो 60 से 80 फीसद युवा पहले व दूसरे चक्कर में ही हांफते नजर आए। पहले सेना में भर्ती होने के इच्छुक युवक काफी समय पहले ही तैयारी शुरू कर देते थे। अब ऐसा कम ही दिखाई दे रहा है।
झोझूकलां में आयोजित खुली सैनिक भर्ती रैली विशेषकर भिवानी के युवाओं के लिए एक बेहतर अवसर था। जिसका स्थानीय स्तर पर वे काफी लाभ उठा सकते थे लेकिन अधिकतर युवा उससे चूक गए। नशे की लत ने किया पीछे दौड़ में पीछे रहने का एक कारण युवाओं में नशे की लत को भी माना जा रहा है। इसके अलावा शहरी क्षेत्रों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी तेजी से बदलती लाइफ स्टाइल, खाना पीना, व्यायाम व शारीरिक श्रम से दूर होना भी एक बड़ा कारण हो सकता है।
झोझूकलां में आयोजित खुली सैनिक भर्ती रैली विशेषकर भिवानी के युवाओं के लिए एक बेहतर अवसर था। जिसका स्थानीय स्तर पर वे काफी लाभ उठा सकते थे लेकिन अधिकतर युवा उससे चूक गए। नशे की लत ने किया पीछे दौड़ में पीछे रहने का एक कारण युवाओं में नशे की लत को भी माना जा रहा है। इसके अलावा शहरी क्षेत्रों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी तेजी से बदलती लाइफ स्टाइल, खाना पीना, व्यायाम व शारीरिक श्रम से दूर होना भी एक बड़ा कारण हो सकता है।