राज्य स्कूल अध्यापक चयन भर्ती बोर्ड द्वारा निकाली गई विभिन्न पदों पर भर्ती पर विवादों का साया मंडराने लगा है। भर्ती के लिए आवेदन करने वाले कुछ आवेदकों ने कोर्ट में जाने का मन बना लिया है जबकि कुछ आवेदक जल्द ही मुख्यमंत्री तथा शिक्षा मंत्री से नियम व शर्तो में बदलाव को लेकर मिलेंगे। आवेदकों का कहना है कि भर्ती के लिए मांगे गए आवेदन में अनियमितताएं बरती गई हैं। राज्य स्कूल अध्यापक चयन भर्ती बोर्ड ने जो आवेदन मांगे हैं, उनमें प्राइवेट कॉलेजों में पढ़ाने व अनुभव रखने वालों को जगह नहीं दी गई है। चार साल अनुभव होने के बाद भी वह इसमें आवेदन नहीं करेंगे। इसके अलावा जूनियर फिजिकल लेक्चरर के लिए पहले एमपीएड योग्यता रखी जाती थी जो अब बदलकर एमए फिजिकल एजूकेशन के साथ बीएड कर दी गई है। यहीं नहीं चार से पांच साल का पढ़ाने का अनुभव रखने वाले अध्यापक भी आवेदन नहीं कर सकेंगे, जो वर्तमान में स्कूल नहीं पढ़ा रहे होंगे। वहीं दूसरी तरफ बोर्ड द्वारा जारी विज्ञापन में जो योग्यता सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों की है, वहीं अनुसूचित जाति के उम्मीदवार की रखी गई है। उन्हें योग्यता में कोई छूट नहीं दी गई है। एकेडमिक रिकार्ड भी सामान्य वर्ग के समान है। लोक प्रशासन से एचटेट और स्टेट पास उम्मीदवार अब राजनीति शास्त्र में आवेदन नहीं कर पाएंगे। इसके लिए जिस विषय में एचटेट या स्टेट की गई है, सिर्फ उसी विषय में ही आवेदन किया जा सकेगा। हालांकि पहले लोक प्रशासन विषय को राजनीतिक शास्त्र में पात्र माना जाता था और शिक्षा विभाग शुरू से ही लोक प्रशासन व राजनीति शास्त्र की एक ही एसटेट या एचटेट परीक्षा होती रही है।
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