राजकीय विद्यालयों में रखरखाव में कमी पाए जाने पर अब स्कूल प्रमुख पर गाज गिरेगी। जिले के शिक्षा अधिकारी स्कूलों का निरीक्षण कर सुविधाओं और रखरखाव का आकलन करेंगे। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए वित्तायुक्त सुरीना राजन ने पिछले दिनों प्रदेश के जिला शिक्षा अधिकारी और जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों की बैठक ली थी। बैठक में विद्यालयों के रखरखाव के लिए विशेष निर्देश दिया गया। उन्होंने कहा कि निदेशालय को विद्यालयों के संबंध में पूरी जानकारी होनी चाहिए कि विभाग द्वारा विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए जारी की जाने वाली सुविधाएं उन तक पूरी पहुंच रही है या नहीं। सभी जिला शिक्षा अधिकारी व जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को कम से कम सप्ताह में एक स्कूल का निरीक्षण अवश्य करना होगा। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार यह निरीक्षण पांच या दस मिनट नहीं बल्कि पूरे दिन स्कूल समय तक अधिकारी स्कूल में रहेंगे और हर गतिविधि पर नजर रखेंगे। इस दौरान अधिकारी बच्चों से भी बातचीत करेंगे। इसके बाद स्कूल की दिनभर की पूरी रिपोर्ट निदेशालय को भेजेंगे। इसके अलावा बीईओ व बीईईओ भी स्कूलों का निरीक्षण करेंगे। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी आशा ग्रोवर ने कहा कि बैठक में इस मुद्दे पर बातचीत हुई थी। इससे स्कूलों की स्थिति सुधरेगी। निदेशालय के आदेश मिलते ही निरीक्षण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
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