
इस अवसर पर अपने संबोधन में किताब सिंह ने राज्य भर के प्राध्यापकों को बधाई देते हुए कहा कि सरकारी स्कूलों ने इस बार 10 जमा 2 परीक्षा में प्राइवेट विद्यालयों को पछाड़ा है। इस वर्ष सरकारी विद्यालयों का पास प्रतिशत प्राइवेट विद्यालयों के पास प्रतिशत से अधिक है। यह सब प्राध्यापकों की मेहनत व लग्न का परिणाम है। सरकारी विद्यालयों का पास प्रतिशत 69.60 रहा जबकि प्राइवेट विद्यालयों का पास प्रतिशत 65.21 रहा है। हसला प्रधान किताब सिंह ने दावा करते हुए कहा कि यदि सरकार हसला के शिक्षा सुधार व गुणवत्ता लाने के लिए सुझावों को पूरा करता है तो प्राध्यापक आगामी वर्षों में कक्षा दस जमा दो के साथ कक्षा नौवीं व दसवीं के परीक्षा परिणाम बेहतर ला सकते हैं। क्योंकि आगामी नए शिक्षा सत्र में नौवीं व दसवीं प्राध्यापकों को सौंपी जा रही है। शिक्षा सुधार सुझावों का जिक्र करते हुए हसला प्रान्तीय उपाध्यक्ष सुदर्शन शर्मा ने कहा कि स्कूल प्राध्यापकों के लिए कालेज केडर में पदोन्नति के रास्ते खोले जाएं। इस लालसा में स्कूली प्राध्यापक मुख्य शिक्षा एम फिल, पी.एच.डी. की ओर अग्रसर है समेस्टर परीक्षा प्रणाली समाप्त कर वार्षिक परीक्षा प्रणाली अपनाई जा सके। ताकि छात्रों को अतिरिक्त कार्य दिवस मिल सके। नए ढांचे में उत्तर प्रदेश की तर्ज पर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय का नाम बदल कर इंटर कालेज किया जाए। ताकि छात्र व प्राध्यापक नयापन व गर्व महसूस कर सके। प्रधानाचार्य और उप प्रधानाचार्य पद पर शत प्रतिशत पदोन्नती प्राध्यापक वर्ग से की जाए। प्रध्यापकों का ग्रेड पे 5400 की जाए। कक्षा एक से आठ तक शिक्षा अधिकार के तहत परीक्षा प्रणाली समाप्त करने पर पुनर्विचार करें। इससे परीक्षा प्रणाली आसान की जाए। इस अवसर पर हसला प्रान्तीय महासचिव दलबीर पांचाल, जिला प्रधान जीन्द मुकेश नैन, जिला प्रधान कैथल विरेन्द्र शर्मा, सचिव सुबे सिंह, मलिक, लछमन कामरा, हरदीप सिंह, वासूदेव, सुखपाल सिंह, सन्तोष शर्मा, रिच्छपाल सिंह उपस्थित थे।
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