Friday, July 6, 2012

पीजीटी शिक्षकों की भर्ती से हटी कई शर्तें

 शिक्षा विभाग, हरियाणा में पीजीटी अध्यापक भर्ती में उहापोह की स्थिति को समाप्त करते हुए हरियाणा विद्यालय शिक्षक चयन बोर्ड ने मंगलवार को सरकार से निर्देश प्राप्त होने के बाद शुद्धिपत्र जारी करते हुए जहां गुड एकेडमिक रिकार्ड की शर्त को हटा लिया है, वहीं पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातकोत्तर आवेदकों को राजनीतिक विज्ञान पद के लिए व बॉयो-टेक्नोलॉजी विषय वालों को बायोलॉजी पद के लिए योग्य मान कर हजारों उम्मीदवारों को राहत प्रदान की है। वहीं शुद्धिपत्र के अनुसार अप्रैल 2015 तक बीएड पास करने की शर्त के साथ बिना बीएड योग्यता वाले उम्मीदवारों को भी भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने का अवसर प्रदान कर दिया गया है। इस मामले को लेकर पात्र अध्यापक संघ मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से भी मुलाकात कर चुका था। मुख्यमंत्री ने शिक्षकों की मांगों पर सहमति जताते हुए इन शर्तों को हटाने का भरोसा दिया था किंतु सेवानियमों में आवश्यक बदलाव की प्रक्रिया गत देरी के चलते कई दिन से शुद्धिपत्र जारी होने को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई थी।
हरियाणा विद्यालय शिक्षक चयन बोर्ड द्वारा मंगलवार को जारी शुद्धिपत्र पर प्रदेश के भर्ती में आवेदन से वंचित हजारों में खुशी की लहर दौड़ गई। गुड एकेडमिक रिकार्ड की शर्त के चलते परेशान उम्मीदवारों ने जैसे ही शुद्धिपत्र जारी होने के बाद ऑनलाइन आवेदन किया तो फार्म स्वीकार होते ही वे बाग-बाग नजर आए। वहीं कई शर्तें हटाने व शुद्धिपत्र जारी होने के बाद पात्र अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र शर्मा ने कहा कि सरकार द्वारा संघ की मांग पर शर्तें हटाने का फैसला स्वागत योग्य है और प्रदेश के हजारों उम्मीदवारों के साथ न्याय किया गया है। उन्होंने शर्तें हटाने पर मुख्यमंत्री हुड्डा, शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल व मुख्यमंत्री के ङ्क्षप्रसीपल ओएसडी महेंद्र सिंह चोपड़ा का आभार व्यक्त करते हुए जेबीटी व मास्टर कैडर के पदों को जल्द विज्ञापित करने की मांग की।
उल्लेखनीय है कि पीजीटी पदों के लिए शर्तें हटाने के बावजूद सरकार के समक्ष जेबीटी व मास्टर वर्ग के पदों को विज्ञापित करने पर विवाद होना तय है क्योंकि 4 वर्ष के अनुभव के आधार पर पात्रता परीक्षा से छूट देने का निर्णय सरकार के गले की फांस बन सकता है। केंद्र सरकार ने पहली जून को ही राज्य सरकार को पत्र लिखकर इस प्रकार की छूट पर सख्त ऐतराज जताते हुए फैसले पर पुनॢवचार करने को कहा है। शिक्षा का अधिकार कानून के तहत केंद्र के दखल के चलते पात्रता परीक्षा से छूट देने के फैसले को लेकर राज्य सरकार भी असमंजस में नजर आ रही है।

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