स्कूल कॉलेज के विद्यार्थियों खासकर छात्राओं में खून की कमी नहीं रहेगी। स्वास्थ्य विभाग इसके लिए विशेष अभियान चलाने जा रहा है। विद्यार्थियों को जागरूक करने के अलावा सरकारी और एडिड कॉलेजों में की छात्राओं में भी हीमोग्लोबिन (एचबी) जांचा जाएगा। जांच में जिन छात्राओं का एचबी कम होगा, उन्हें आयरन की गोलियां दी जाएंगी। बच्चों में दूसरे शारीरिक रोगों की भी जांच की जाएगी। स्कूलों में भी एनिमिक छात्राओं के लिए अभियान शुरू करने की पूरी तैयारी है।
अगले महीने शुरू होगा अभियान
स्वास्थ्य विभाग जिले में अगले महीने से हेल्थ चेकअप अभियान शुरू करेगा। अगस्त से सितंबर तक प्राथमिक स्कूलों और अक्टूबर से नवंबर में मिडिल और हाई स्कूलों में अभियान चलेगा। इस दौरान एचबी जांच के अलावा लड़के और लड़कियों का स्वास्थ्य भी जांचा जाएगा।
टीचर्स को मिलेगा प्रशिक्षण
स्वास्थ्य विभाग स्कूल टीचर्स को प्रशिक्षण देगा। हेल्थ चेकअप अभियान की सफलता के लिए ऐसा किया जाएगा। टीचर्स की रिपोर्ट के आधार बच्चों को जल्द उपचार मिल सकेगा। स्वास्थ्य विभाग के सर्वे में सामने आया है कि 80 प्रतिशत महिलाओं में खून की कमी है और इसके चलते वे बीमार रहती हैं।
॥एनिमिक बच्चों के लिए अभियान चला कर उन्हें आयरन की गोलियां दी जाएंगी। जहां पहले छात्राओं में एचबी जांचा जा चुका है, वहां फालोअप किया जाएगा। इस दौरान दवा नहीं खाने वाली छात्राओं को जागरूक भी किया जाएगा। उन्हें आयरन की गोलियां भी दी जाएंगी। अन्य रोगों की जांच के बाद विद्यार्थियों का मौके पर ही इलाज किया जाएगा। जरूरत पड़ी तो उन्हें अस्पताल रेफर किया जाएगा।ञ्जञ्ज
डॉ. राजीव बुडानिया, डिप्टी सीएमओ।
अगले महीने शुरू होगा अभियान
स्वास्थ्य विभाग जिले में अगले महीने से हेल्थ चेकअप अभियान शुरू करेगा। अगस्त से सितंबर तक प्राथमिक स्कूलों और अक्टूबर से नवंबर में मिडिल और हाई स्कूलों में अभियान चलेगा। इस दौरान एचबी जांच के अलावा लड़के और लड़कियों का स्वास्थ्य भी जांचा जाएगा।
टीचर्स को मिलेगा प्रशिक्षण
स्वास्थ्य विभाग स्कूल टीचर्स को प्रशिक्षण देगा। हेल्थ चेकअप अभियान की सफलता के लिए ऐसा किया जाएगा। टीचर्स की रिपोर्ट के आधार बच्चों को जल्द उपचार मिल सकेगा। स्वास्थ्य विभाग के सर्वे में सामने आया है कि 80 प्रतिशत महिलाओं में खून की कमी है और इसके चलते वे बीमार रहती हैं।
॥एनिमिक बच्चों के लिए अभियान चला कर उन्हें आयरन की गोलियां दी जाएंगी। जहां पहले छात्राओं में एचबी जांचा जा चुका है, वहां फालोअप किया जाएगा। इस दौरान दवा नहीं खाने वाली छात्राओं को जागरूक भी किया जाएगा। उन्हें आयरन की गोलियां भी दी जाएंगी। अन्य रोगों की जांच के बाद विद्यार्थियों का मौके पर ही इलाज किया जाएगा। जरूरत पड़ी तो उन्हें अस्पताल रेफर किया जाएगा।ञ्जञ्ज
डॉ. राजीव बुडानिया, डिप्टी सीएमओ।
0 comments
Post a Comment
Note: Only a member of this blog may post a comment.