प्रदेश में अतिथि अध्यापकों को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। ये सभी अध्यापक भर्ती में प्रोविजनल इंटरव्यू तो दे सकेंगे लेकिन इनका रिजल्ट घोषित नहीं किया जाएगा। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने इस संबंध में दाखिल एक याचिका पर हरियाणा सरकार को 10 सितंबर के लिए नोटिस जारी करते हुए ये निर्देश दिए। अम्बाला निवासी शिवानी गुप्ता और तीन अन्य उम्मीदवारों की तरफ से दाखिल याचिका में कहा गया कि उन्होंने एमए, बीएड के साथ राज्य पात्रता परीक्षा भी उत्तीर्ण की है। इसके अलावा उनका शैक्षिक रिकार्ड भी लगातार बढिय़ा रहा है। हरियाणा सरकार ने अप्रैल-2012 में नियम नोटिफाई करते हुए चार साल से नौकरी कर रहे अतिथि अध्यापकों को दो वर्ष में कभी भी पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने की छूट दी थी। याचियों की तरफ से वरिष्ठ वकील अनुपम गुप्ता ने अदालत में कहा कि बाद में इस नियम में भी जुलाई माह में संशोधन कर दिया गया और पात्रता परीक्षा ही नहीं बल्कि बीएड व लगातार बढिय़ा शैक्षिक रिकार्ड की शर्त को भी समाप्त कर दिया गया। इस तरह अतिथि अध्यापकों को नियमित भर्ती करने का रास्ता साफ कर लिया गया।
अनुपम ने अदालत में कहा कि सभी याची एमए, बीएड व बेहतरीन शैक्षिक रिकार्ड वाले हैं। ऐसे में उनकी अनदेखी कर अतिथि अध्यापकों को उन पर वरीयता देना अनुचित है। याचिका पर प्राथमिक सुनवाई के बाद जस्टिस सूर्यकांत व जस्टिस आरपी नागरथ की खंडपीठ ने ऐसे सभी अतिथि अध्यापकों, जिन्हें एमए, बीएड व बढिय़ा शैक्षिक रिकार्ड से छूट दी गई, को प्रोविजनल इंटरव्यू में बैठने की छूट तो दे दी लेकिन इनका रिजल्ट घोषित न करने के निर्देश दिए हैं।
अनुपम ने अदालत में कहा कि सभी याची एमए, बीएड व बेहतरीन शैक्षिक रिकार्ड वाले हैं। ऐसे में उनकी अनदेखी कर अतिथि अध्यापकों को उन पर वरीयता देना अनुचित है। याचिका पर प्राथमिक सुनवाई के बाद जस्टिस सूर्यकांत व जस्टिस आरपी नागरथ की खंडपीठ ने ऐसे सभी अतिथि अध्यापकों, जिन्हें एमए, बीएड व बढिय़ा शैक्षिक रिकार्ड से छूट दी गई, को प्रोविजनल इंटरव्यू में बैठने की छूट तो दे दी लेकिन इनका रिजल्ट घोषित न करने के निर्देश दिए हैं।
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