केंद्रीय विद्यालय संगठन (केवीएस) द्वारा संचालित स्कूलों के बच्चे अब ई-क्लासरूम में पढ़ सकेंगे। इसके लिए केवीएस ने योजना तैयार की है। ई-क्लासरूम और अध्यापन. के लिए इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के प्रयोग पर जोर दिया गया है। योजना के पीछे मकसद बस्ते का बोझ कम करना है। छात्र-छात्राओं को आधुनिक तकनीक से पढ़ाई कराने के लिए योजना के पहले चरण में केवीएस पायलट प्रोजेक्ट के तहत देशभर के 50 स्कूलों में आधुनिक ई-क्लासरूम तैयार करेगा। इसके बाद सभी स्कूलों में इसे लागू किया जाएगा। इस संबंध में संगठन की वेबसाइट पर सर्कुलर जारी किया गया है। खास बात यह है कि संगठन से संबंधित
स्कूलों में इलेक्ट्रानिक इंस्ट्रक्शन बोर्ड लगाए जाएंगे। जहां चाक और डस्टर की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। यह पूरी योजना जल्द ही अमल में लाई जाएगी। प्रधानाचार्यो का मानना है कि अध्यापन के माध्यम में बदलाव से न सिर्फ बच्चों को लाभ मिलेगा, बल्कि शिक्षकों को तकनीकी के नए पहलुओं की जानकारी मिल सकेगी। हर क्लास के लिए उपयोगी ई-क्लासरूम हर क्लास के बच्चों के लिए काफी उपयोगी माना जा रहा है। प्रयोग के तौर पर इस रूम में तीसरी कक्षा से 12वीं के छात्र-छात्राओं को अध्यापन कराया जाएगा। इसमें उनके विषय को और अधिक रोचक बनाकर पढ़ाया जाएगा, ताकि उन्हें आसानी से समझ में आ सके
स्कूलों में इलेक्ट्रानिक इंस्ट्रक्शन बोर्ड लगाए जाएंगे। जहां चाक और डस्टर की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। यह पूरी योजना जल्द ही अमल में लाई जाएगी। प्रधानाचार्यो का मानना है कि अध्यापन के माध्यम में बदलाव से न सिर्फ बच्चों को लाभ मिलेगा, बल्कि शिक्षकों को तकनीकी के नए पहलुओं की जानकारी मिल सकेगी। हर क्लास के लिए उपयोगी ई-क्लासरूम हर क्लास के बच्चों के लिए काफी उपयोगी माना जा रहा है। प्रयोग के तौर पर इस रूम में तीसरी कक्षा से 12वीं के छात्र-छात्राओं को अध्यापन कराया जाएगा। इसमें उनके विषय को और अधिक रोचक बनाकर पढ़ाया जाएगा, ताकि उन्हें आसानी से समझ में आ सके
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