Wednesday, June 20, 2012

बीए-बीएड पास चौकीदार की नौकरी के काबिल नहीं

 ग्रामीण चौकीदार की नौकरी पाने के लिए प्रयासरत एक बीए बीएड शिक्षक की याचिका को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस के. कन्नन ने साफतौर पर कहा है कि इस मामले में इतनी अधिक योग्यता अयोग्यता बन सकती है।  यमुनानगर जिले के सतगौली गांव निवासी वेद प्रकाश को एरिया कलेक्टर के यह कहने पर चौकीदार नियुक्त कर दिया गया कि वेद प्रकाश बेहतर योग्यता प्राप्त होने के कारण नियुक्ति के लिए पात्र है।
वेद बीए बीएड डिग्री प्राप्त था तथा उसका चरित्र भी अच्छा था। जब कभी भी प्रशासनिक अधिकारी गांव का दौरा करते तो वह सरकारी काम में भी उनकी मदद किया करता और फिर वेद अन्य प्रत्याशियों, विशेषकर सातवीं कक्षा पास रमेश कुमार से तो अच्छा ही था। लेकिन अन्य प्रत्याशियों द्वारा उपायुक्त के समक्ष अपील किये जाने के कारण कलेक्टर के फैसले को निरस्त कर दिया गया। इस फैसले को इस आधार पर निरस्त किया गया कि वेद चौकीदार की ड्यूटी के लिए उचित प्रत्याशी नहीं है क्योंकि वह बीए बीएड डिग्री प्राप्त है और पहले ही शिक्षण कार्य कर रहा है। उपायुक्त ने यह भी कहा कि कई ग्रामीणों ने रमेश कुमार को ग्रामीण चौकीदार नियुक्त करने की सिफारिश की जबकि वेद प्रकाश के पक्ष में केवल तीन ही ग्रामीणों ने बयान दिये।
जस्टिस कन्नन के समक्ष पेश हुए वेद प्रकाश के वकील ने दलील दी कि उच्च योग्यता को अयोग्यता नहीं माना जा सकता। बल्कि उसे इसे पद के लिए बेहतर प्रत्याशी माना जाना चाहिए। लेकिन हाईकोर्ट ने वकील की इन दलीलों को अस्वीकार कर दिया। पांच पन्नों के फैसले में जस्टिस कन्नन ने कहा-’यदि उपायुक्त को लगता है कि चौकीदार पद के अनुसार याची की शैक्षिक योग्यता बहुत अधिक है तो मुझे नहीं लगता है कि यह गलत सोच है।’ उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा को हमेशा ही पूरी तरह अप्रासंगिक नहीं माना जा सकता। असल में यह बीए बीएड की शिक्षा प्राप्त व्यक्ति के लिए ‘निम्र रोजगार’ का मामला है। मुझे याचिका में हस्तक्षेप का कोई कारण नजर नहीं आता।

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