राज्य सरकार के सहयोग से जींद में उत्तर भारत का सबसे बड़ा मानसिक विकलांग शिक्षण संस्थान अंकुर बनकर तैयार हो गया है। सरकार द्वारा इस संस्थान के विस्तार के लिए संस्थान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली जींद सेंट्रल जेसीस एजुकेशनल एवं चेरिटेबल ट्रस्ट को 2030 वर्ग मीटर अतिरिक्त जगह होस्टल एंव खेल का मैदान बनाने के लिए भी उपलब्ध करवा दी गई है। बुधवार को एक सरकारी प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने इस संस्थान के भवन का शिलान्यास एक नवम्बर 2008 को किया था, जो आज बनकर तैयार हो गया है। इस भव्य इमारत में बच्चों के शिक्षण के लिए 25 कमरे, 2 बहुउदï्देशीय हॉल तथा एक प्रशासनिक ब्लाक का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। मुख्यमंत्री ने इस भवन के निर्माण के लिए एक करोड़ 25 लाख की राशि देने की घोषणा की थी, जिसके फलस्वरूप निर्माण कार्य करवाया गया है।
गौरतलब है कि अंकुर संस्थान का उद्घाटन विगत 3 जून को भूपेन्द्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री हरियाणा द्वारा कर दिया गया है। अब जल्द ही पुराने सोमनाथ मन्दिर में चल रहे संस्थान को नई इमारत में शिफ्ट कर दिया जाएगा। संस्था के अध्यक्ष केसी गुप्ता के अनुसार इस संस्थान में मानसिक रूप से विकलांग बच्चों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए एक फिजियोथैरेपी हाल भी विकसित किया गया है। गुप्ता ने बताया कि नवनिर्मित भवन में शिक्षण कार्य शुरू होने के उपरांत आस-पास के गांवों व शहरों से बच्चों को लाने के लिए 4 नई बसें लगाई जाएंगी फिलहाल संस्थान में 40 बच्चे शिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। बच्चों को शिक्षण कार्य के साथ-साथ स्वरोजगार का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है, बच्चों को पर्याप्त शिक्षण एंव प्रशिक्षण देने के लिए संस्थान में पांच स्पेशल डिप्लोमा व बीएड किए हुए अध्यापक, फिजियोथैरेपिस्ट नियुक्त किए गए हैं।
गौरतलब है कि अंकुर संस्थान का उद्घाटन विगत 3 जून को भूपेन्द्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री हरियाणा द्वारा कर दिया गया है। अब जल्द ही पुराने सोमनाथ मन्दिर में चल रहे संस्थान को नई इमारत में शिफ्ट कर दिया जाएगा। संस्था के अध्यक्ष केसी गुप्ता के अनुसार इस संस्थान में मानसिक रूप से विकलांग बच्चों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए एक फिजियोथैरेपी हाल भी विकसित किया गया है। गुप्ता ने बताया कि नवनिर्मित भवन में शिक्षण कार्य शुरू होने के उपरांत आस-पास के गांवों व शहरों से बच्चों को लाने के लिए 4 नई बसें लगाई जाएंगी फिलहाल संस्थान में 40 बच्चे शिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। बच्चों को शिक्षण कार्य के साथ-साथ स्वरोजगार का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है, बच्चों को पर्याप्त शिक्षण एंव प्रशिक्षण देने के लिए संस्थान में पांच स्पेशल डिप्लोमा व बीएड किए हुए अध्यापक, फिजियोथैरेपिस्ट नियुक्त किए गए हैं।
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