Tuesday, April 17, 2012

पॉलीटेक्निक में तय सीटों से कम आवेदन


पॉलीटेक्निक कॉलेज में एडमिशन के लिए इस बार मारामारी नहीं है। पिछले साल जिले के सभी कॉलेजों में स्वीकृत करीब चार हजार सीटों के लिए सात हजार से अधिक आवेदन आए थे। इस बार निर्धारित सीटों से भी कम आवेदन आए हैं। ऐसे में अधिकांश पॉलीटेक्निक में सीटें खाली रहने के आसार हैं। विभाग ने अब आवेदन की अंतिम तिथि 30 अपै्रल तक बढ़ा दी है। 

खाली रह सकती हैं सीटें

जिले में दो सरकारी बहुतकनीकी संस्थानों सहित दस पॉलीटेक्निक हैं। इनमें विभिन्न ट्रेडों में 39 सौ सीटें स्वीकृत हैं। इन कॉलेजों में दाखिला राज्य स्तर पर डिप्लोमा इंट्रेंस टेस्ट (डीईटी) के आधार पर होता है। इसके लिए आवेदन की अंतिम तिथि 16 अप्रैल तय की गई थी। अब तक केवल 36 सौ छात्रों ने ही आवेदन किया है। यही हाल पूरे प्रदेश का है। हालांकि विभाग ने छुट्टियों के दौरान भी आवेदन फार्म देने का फैसला लिया था। फिर भी अंतिम तिथि तक निर्धारित सीटों की तुलना में आवेदन करने वाले छात्रों की संख्या काफी कम रही। इंट्रेंस टेस्ट के बाद यह संख्या और भी कम हो जाएगी। इसलिए इस बार कई कॉलेजों में सीटें खाली रह सकती हैं।

दो तीन वर्षों के रिजल्ट पर नजर डाली जाए तो पॉलीटेक्निक का परीक्षा परिणाम खराब रहा है। अभी हाल ही में दूसरे, चौथे और पांचवें सेमेस्टर के रिजल्ट तो 20 से 25 प्रतिशत रहे। इसको लेकर छात्रों ने प्रदर्शन भी किए। विभागीय सूत्रों की मानें तो पॉलीटेक्निक में प्रवेश लेने वाले अधिकांश छात्र हिंदी मीडियम स्कूलों से आते हैं। पॉलीटेक्निक का सिलेब्स इंग्लिश मीडियम में है। इसका असर रिजल्ट पर पड़ता है। हालांकि इस स्थिति से निपटने के लिए इस बार से विभाग ने डिप्लोमा पाठ्यक्रम से पहले ब्रिज कोर्स कराने की योजना बनाई है, लेकिन फिर भी छात्रों का रुझान इसमें कम है।

पॉलीटेक्निक में घटते रुझान के पीछे इंजीनियरिंग कॉलेजों की लेटरेल इंट्री स्कीम में निर्धारित सीटों की कम संख्या होना बड़ा कारण माना जा रहा है। जो छात्र पॉलीटेक्निक कोर्स के बाद इंजीनियरिंग करना चाहते हैं, उनके लिए अच्छे कॉलेजों में कम सीटें रिजर्व हैं। इन छात्रों को बीटेक के थर्ड सेमेस्टर में एडमिशन दिया जाता है, मगर पास आउट छात्रों की तुलना में ये सीटें कम हैं। इसलिए इंजीनियरिंग में करिअर बनाने की चाह रखने वाले छात्र अब पॉलीटेक्निक की बजाय 12वीं के बाद आईआईटी या एआई ट्रिपल ई के माध्यम से इंजीनियरिंग कॉलेजों में डायरेक्ट एडमिशन लेना चाहते हैं।

जिले में पॉलीटेक्निक कॉलेज

ञ्च2 सरकारी, 8 निजी कॉलेज

ञ्च सीटें आवेदन मिले

3900 3600

ञ्चहिसार और आदमपुर में सरकारी कॉलेज। हिसार में 840 और आदमपुर में 480 सीटें हैं

ञ्चनिजी कॉलेजों में सीटें 2580

छात्रों की कम संख्या को देखते हुए विभाग ने पॉलीटेक्निक में आवेदन की अंतिम तिथि में बढ़ा दी है। अब 30 अपै्रल तक आवेदन लिए जाएंगे। वहीं डिप्लोमा इंट्रेंस टेस्ट (डीईटी) भी अब एक सप्ताह बाद होगा। अब यह टेस्ट छह मई की बजाय 13 मई को होगा। रिजल्ट और एडमिशन के लिए काउंसलिंग की तिथि में कोई बदलाव नहीं किया है। कक्षाएं 25 जून से शुरू हो जाएंगी।

ऐसा नहीं है कि पॉलीटेक्निक में डिप्लोमा करने के बाद रोजगार के अवसरों में कमी हो। अधिकांश संस्थान तो जॉब मेला आयोजित कर डिप्लोमा करने से पहले ही छात्रों को अच्छे स्केल पर प्लेसमेंट दिला देते हैं। वहीं कई सरकारी विभागों में भी पॉलीटेक्निक डिप्लोमा धारक छात्रों के लिए अच्छा स्कोप है। 

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