Saturday, April 21, 2012

माध्यमिक स्तर तक बच्चों का होगा सतत मूल्यांकन


वार्षिक परीक्षा के स्थान पर अब सरकारी स्कूलों में माध्यमिक स्तर तक बच्चों का सतत मूल्यांकन किया जाएगा। सरकार ने पाठ्यक्रम के विषयों में निपुण बनाने के लिए सतत मूल्यांकन पद्धति लागू की है। उपायुक्त नितिन कुमार यादव ने बताया कि अभिभावकों में यह भ्रम की स्थिति पैदा हो गई थी कि राजकीय विद्यालयों में आठवीं कक्षा तक अब बच्चों की परीक्षा नहीं ली जाएगी, जिस कारण पढाई में कमजोर बच्चे भी अगली कक्षा में दाखिल हो जाएंगे। वार्षिक परीक्षा की बजाए शिक्षा विभाग ने इससे भी बेहतर व्यवस्था करते हुए सतत मूल्यांकन करने का निर्णय लिया है।