Saturday, April 21, 2012

हरियाणा में मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार रहेगा

 हरियाणा शिक्षा बोर्ड भिवानी ने 12वीं कक्षा के मूल्यांकन कार्य की वीडियोग्राफी के फैसले को वापस ले लिया है। इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए हसला के राज्य महासचिव दलबीर पंघाल ने कहा कि वीडियोग्राफी पर बेवजह खर्चा किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि बोर्ड ने अभी तक मूल्याकंन कार्य का जो मानदेय 10 अप्रैल 2012 को हसला प्रतिनिधियों के साथ मीटिंग में एजेंडा बोर्ड द्वारा पास किया गया था उसका अभी तक अधिसूचना जारी नहीं किया गया जब तक बोर्ड प्रशासन बढे़ हुए भत्ते का पत्र जारी नहीं करेगा तब तक पूरे हरियाणा में मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार रहेगा। शनिवार को भी पूरे हरियाणा में मूल्यांकन का कार्य नहीं होगा।
गीैरतलब है कि शिक्षा बोर्ड के 12वीं की परीक्षाओं का मूल्यांकन कार्य हसला के राज्य महासचिव के फैसले के अनुसार बंद कर दिया था। इसके साथ-साथ हसला महासचिव ने पिछल्ले वर्ष 20 अपै्रल 2011 को हसला प्रतिनिधियों की जो सहमति शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल, मुख्यमंत्री के ओ.एस.डी. एम.एस. चौपड़ा, हरियाणा के शिक्षा विभाग की वितायुक्त सुरीना राजन व हरियाणा शिक्षा विभाग के निदेशक विजेन्द्र सिंह के साथ हुई बातचीत के बारे में बताया कि प्राध्यापकों का ग्रेड पे 5400 कर दिया जाएगा व पदोन्नति अनुपात प्राध्यापक एवं मुख्याध्याक की संख्या के आधार पर करने व कॉलेज फाडर में प्रोमोशन करने की सहमति जताई थी मगर एक वर्ष बीत जाने के बाद भी न तो सरकार ने हमारी मांगों की तरफ ध्यान दिया और न ही अधिकारियों ने अत: हरियाणा सरकार से हसला अनुरोध करती है कि हमारी न्यायोचित मांगों पर शीघ्र से शीघ्र सहानुभूतिपूर्ण विचार किया जाए यदि हरियाणा सरकार हमारी मांगों पर विचार नहीं करेगी तो हसला को मजबूर होकर संघर्ष करना पड़ेगा जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी हरियाणा सरकार की होगी। इस अवसर पर हसला हिसार के प्रधान महीपाल पूनिया, पूर्व प्रधान जगमहेन्द्र ढांडा, राज विरेन्द्र ढिल्लो, सतबीर सबरवाल, अनिल वर्मा, डा. अशोक गर्ग, ईश्वर लोरा, सुभाष शर्मा, अरूण कुमार के अतिरिक्त अन्य प्राध्यापक उपस्थित थे।