केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 11वीं में प्रवेश के नियम बदले हैं। नए नियम के मुताबिक 11वीं में अस्थायी प्रवेश के दौरान वर्ग या विषय बदलने पर अभिभावकों को अतिरिक्त फीस नहीं चुकानी होगी। यदि विद्यालय दबाव बनाकर विषय बदलवाता है, तो नए विषय की किताबों का खर्च विद्यालय को ही उठाना होगा। सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों में शिक्षण सत्र अप्रैल से शुरू होता है। ऐसे में हाईस्कूल उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को 11वीं में अस्थाई प्रवेश दिया जाता है। परिणाम आने के बाद यदि विद्यार्थी किसी विषय में कमजोर है, तो उस पर विद्यालय प्रबंधन वर्ग या विषय बदलने के लिए दबाव बनाता है। इससे विद्यार्थियों को दो महीने की पढ़ाई का नुकसान होने के साथ ही साथ नए विषय की किताबें खरीदने के लिए पैसा खर्च करना पड़ता है। अब अस्थाई प्रवेश के बाद यदि विद्यालय
प्रबंधन विषय बदलने का दबाव बनाता है तो विद्यार्थी को दोबारा फीस नहीं चुकानी होगी। विषय बदलने पर अप्रैल-मई में हुई पढ़ाई के नुकसान की भरपाई भी विद्यालयों को अतिरिक्त क्लास के जरिये करनी होगी। क्यों बदला नियम : एक छात्र ने विषय बदलने के मामले पर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसके आधार पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीएसई को प्रवेश के नियमों मे बदलाव करने का आदेश दिया था।
प्रबंधन विषय बदलने का दबाव बनाता है तो विद्यार्थी को दोबारा फीस नहीं चुकानी होगी। विषय बदलने पर अप्रैल-मई में हुई पढ़ाई के नुकसान की भरपाई भी विद्यालयों को अतिरिक्त क्लास के जरिये करनी होगी। क्यों बदला नियम : एक छात्र ने विषय बदलने के मामले पर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसके आधार पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीएसई को प्रवेश के नियमों मे बदलाव करने का आदेश दिया था।