शिक्षा विभाग ने जिले में 206 प्राइवेट स्कूलों को नोटिस भेजे हैं। ये ऐसे स्कूल हैं, जो स्कूल शिक्षा नियमावली के तहत सभी नॉम्र्स पूरा करने की शर्त पर तीन चार वर्षों से अस्थाई मान्यता पर चलाए जा रहे हैं। इन स्कूलों से सप्ताह के भीतर जवाब मांगा गया है। अगर इस समयावधि में स्कूलों ने नॉम्र्स पूरे करने की फाइल विभाग के पास जमा नहीं कराई तो उनके खिलाफ विभाग कार्रवाई करेगा।
विभाग के इस निर्णय से तमाम स्कूलों में हड़कंप की स्थिति बनी है। स्कूल शिक्षा विभाग ने प्राइवेट स्कूलों को मान्यता देने के लिए स्कूल शिक्षा नियमावली 2003 बना रखी है। इसमें स्कूलों के कमरे, स्टाफ, खेल मैदान सहित तमाम सुविधाओं के लिए अलग अलग शर्तें निर्धारित की गई हैं। इनमें वर्ष 2007 और 2009 में संशोधन भी किया गया था। विभागीय अधिकारियों के अनुसार नियमावली के तहत 260 स्कूलों ने स्थाई मान्यता के लिए आवेदन किया था।
इनमें से केवल 30 स्कूलों को ही मान्यता दी गई है। 24 अन्य स्कूलों के मान्यता संबंधी मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं। इसलिए विभाग ने बाकी सभी स्कूलों को नोटिस जारी करते हुए जबाव तलब किया है।
छूट बढ़ाने से बढ़े हौसले
विभागीय सूत्रों की मानें तो अस्थाई मान्यता पर चल रहे स्कूलों को तीन-चार वर्षों से नॉम्र्स पूरा करने की छूट दी जा रही है। इस बार भी शैक्षणिक सत्र शुरू होने के साथ ही सरकार ने ऐसे तमाम स्कूलों को एक बरस के भीतर सभी नॉम्र्स पूरा करने की चेतावनी दी थी। इसी छूट का फायदा उठाते हुए स्कूल संचालक मान्यता के प्रति गंभीर नहीं हैं। वहीं शिक्षा का अधिकार अधिनियम में स्पष्ट प्रावधान किया गया है कि बिना मान्यता के स्कूलों पर पाबंदी लगाई जाएगी। विभाग द्वारा इन स्कूलों को नोटिस दिए जाने का मामला इसी अधिनियम का हिस्सा माना जा रहा है।
आगे क्या : सार्वजनिक होंगे स्कूलों के नाम
एक सप्ताह तक नॉम्र्स पूरा करने संबंधी फाइल विभाग के पास जमा न कराने वाले स्कूलों के नाम सार्वजनिक किए जाएंगे। इससे अभिभावकों को पता चल जाएगा कि कौन कौन से स्कूल बंद होने वाले हैं। इससे बच्चों का एडमिशन और स्टडी शेड्यूल प्रभावित नहीं होगा।
॥शिक्षा विभाग द्वारा सभी गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों की इंस्पेक्शन की जा चुकी है। इस दौरान स्कूल संचालकों को स्कूल शिक्षा नियमावली के तहत सभी नियम पूरे करने की हिदायत दी थी। अब इन स्कूलों से एक सप्ताह में जवाब मांगा है।ञ्जञ्ज
विभाग के इस निर्णय से तमाम स्कूलों में हड़कंप की स्थिति बनी है। स्कूल शिक्षा विभाग ने प्राइवेट स्कूलों को मान्यता देने के लिए स्कूल शिक्षा नियमावली 2003 बना रखी है। इसमें स्कूलों के कमरे, स्टाफ, खेल मैदान सहित तमाम सुविधाओं के लिए अलग अलग शर्तें निर्धारित की गई हैं। इनमें वर्ष 2007 और 2009 में संशोधन भी किया गया था। विभागीय अधिकारियों के अनुसार नियमावली के तहत 260 स्कूलों ने स्थाई मान्यता के लिए आवेदन किया था।
इनमें से केवल 30 स्कूलों को ही मान्यता दी गई है। 24 अन्य स्कूलों के मान्यता संबंधी मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं। इसलिए विभाग ने बाकी सभी स्कूलों को नोटिस जारी करते हुए जबाव तलब किया है।
छूट बढ़ाने से बढ़े हौसले
विभागीय सूत्रों की मानें तो अस्थाई मान्यता पर चल रहे स्कूलों को तीन-चार वर्षों से नॉम्र्स पूरा करने की छूट दी जा रही है। इस बार भी शैक्षणिक सत्र शुरू होने के साथ ही सरकार ने ऐसे तमाम स्कूलों को एक बरस के भीतर सभी नॉम्र्स पूरा करने की चेतावनी दी थी। इसी छूट का फायदा उठाते हुए स्कूल संचालक मान्यता के प्रति गंभीर नहीं हैं। वहीं शिक्षा का अधिकार अधिनियम में स्पष्ट प्रावधान किया गया है कि बिना मान्यता के स्कूलों पर पाबंदी लगाई जाएगी। विभाग द्वारा इन स्कूलों को नोटिस दिए जाने का मामला इसी अधिनियम का हिस्सा माना जा रहा है।
आगे क्या : सार्वजनिक होंगे स्कूलों के नाम
एक सप्ताह तक नॉम्र्स पूरा करने संबंधी फाइल विभाग के पास जमा न कराने वाले स्कूलों के नाम सार्वजनिक किए जाएंगे। इससे अभिभावकों को पता चल जाएगा कि कौन कौन से स्कूल बंद होने वाले हैं। इससे बच्चों का एडमिशन और स्टडी शेड्यूल प्रभावित नहीं होगा।
॥शिक्षा विभाग द्वारा सभी गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों की इंस्पेक्शन की जा चुकी है। इस दौरान स्कूल संचालकों को स्कूल शिक्षा नियमावली के तहत सभी नियम पूरे करने की हिदायत दी थी। अब इन स्कूलों से एक सप्ताह में जवाब मांगा है।ञ्जञ्ज