मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने की मांग
गुडग़ांव त्न देश की नई सशक्त हायर एजुकेशन पॉलिसी बनाने के लिए प्रयास कर रहे मानव संसाधन विकास मंत्रालय के द्वारा ऑल इंडिया सर्वे ऑफ हायर एजुकेशन को देश भर के कॉलेजों और इंस्टीट्यूट्स से डाटा जुटाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। हालांकि डाटा जमा करने की पहली डेडलाइन 30 मार्च जा चुकी है। अब डाटा जमा कराने के लिए नई डेडलाइन 31 मई दी गई है। यह फैसला 5 मई को पंचकूला में हुई बैठक लिया गया। जिसमें प्रदेश के सभी महाविद्यालयों के कंप्यूटर विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया था। एमडीयू की वजह से हो रही है देरी: ऑल इंडिया सर्वे ऑफ हायर एजुकेशन के द्वारा कॉलेजों से जो जानकारी मांगी जा रही है उसको लेकर कॉलेज एमडीयू पर निर्भर हैं। क्योंकि ऑनलाइन फॉर्म में तीन स्टेप दिए गए हैं। पहला स्टेप विश्वविद्यालय द्वारा पूरा किया जाना है। उसके बाद ही कॉलेज उस फॉर्म पर अपनी जानकारी भर सकेंगे। लेकिन विश्वविद्यालय ने अभी तक पहला स्टेप पूरा नहीं किया गया है। सभी कॉलेज, इंस्टीट्यूट और अन्य हॉयर एजुकेशन संस्थानों को अपने संस्थान के विषय में बताना होगा कि उनके पास कितने छात्रों का इंफ्रास्ट्रक्चर है। कितने छात्र पढ़ रहे हैं। कौन-कौन से कोर्स व कितनी सीटें हैंं। स्टाफ कितना है। कॉलेज से पास आउट हुए कितने छात्रों को जॉब मिली है। इसके अलावा कॉलेज को किन-किन बुनियादी सुविधाओं की जरूरत है उसका भी पूरा ब्यौरा बनाकर मंत्रालय को देना होगा।
यह देनी है जानकारी
॥हमारी कोशिश है कि जल्दी से इस डाटा को इकट्ठा कर लिया जाए और वे सभी डाटा सही भी हों। इसलिए डेडलाइन को बढ़ाकर 31 मई किया गया है। सुनील भटनागर, कंसल्टेंट, ऑल इंडिया सर्वे ऑफ हायर एजुकेशन