पंचकूला त्न शिक्षा विभाग जिस बात को लेकर दो सालों से प्रयासरत था, उस प्रोजेक्ट को अंतत: हरी झंडी मिल गई है। स्कूलों में ड्यूल डेस्क भेजने का मसला पिछले दो सालों से लंबित था। शिक्षा मंत्री ने सरकार में आते ही सबसे पहले स्कूलों में ड्यूल डेस्क भिजवाने की बात कही थी, लेकिन सरकार के स्तर पर यह मसला हाईपावर परचेज कमेटी में अटका हुआ था। जिस पर गत दो मई को मोहर लग गई है।
शिक्षा विभाग के मुताबिक यह ड्यूल डेस्क कक्षा एक से १२ तक पहुंचाई जाएंगी। राज्य के सभी स्कूलों से करीब पौने छह लाख डेस्कों की रिक्वायरमेंट है। इन स्कूलों में से कई जगह बच्चों को जमीन पर या टाट पर बैठ कर पढ़ाई करनी पड़ रही है। बीच में इन डेस्कों की आपूर्ति के लिए वन विभाग से भी बात की गई थी, लेकिन बात
सिरे नहीं चढ़ सकी। जिसके बाद तीन कंपनियों को आर्डर दिए गए हैं। प्रति डेस्क ४३०० का खर्च आएगा। जिसमें न्यूनतम रेट के कारण एक कंपनी को ६० प्रतिशत आर्डर दिए हैं। बाकी दोनों को २०-२० प्रतिशत आर्डर दिए गए हैं। कंपनियों का त्रैमासिक मूल्यांकन किया जाएगा। यदि कोई शिकायत हुई तो काम दूसरी एजेंसी को दिया जाएगा।
॥हमने कंपनियों को ऑर्डर दे दिए हैं। कंपनियों अभी से स्कूलों में आपूर्ति शुरू कर देंगी। इस साल के अंत तक सभी स्कूलों में यह डेस्क पहुंच जाएंगे। पंकज यादव, निदेशक प्राथमिक शिक्षा परियोजना परिषद
शिक्षा विभाग के मुताबिक यह ड्यूल डेस्क कक्षा एक से १२ तक पहुंचाई जाएंगी। राज्य के सभी स्कूलों से करीब पौने छह लाख डेस्कों की रिक्वायरमेंट है। इन स्कूलों में से कई जगह बच्चों को जमीन पर या टाट पर बैठ कर पढ़ाई करनी पड़ रही है। बीच में इन डेस्कों की आपूर्ति के लिए वन विभाग से भी बात की गई थी, लेकिन बात
सिरे नहीं चढ़ सकी। जिसके बाद तीन कंपनियों को आर्डर दिए गए हैं। प्रति डेस्क ४३०० का खर्च आएगा। जिसमें न्यूनतम रेट के कारण एक कंपनी को ६० प्रतिशत आर्डर दिए हैं। बाकी दोनों को २०-२० प्रतिशत आर्डर दिए गए हैं। कंपनियों का त्रैमासिक मूल्यांकन किया जाएगा। यदि कोई शिकायत हुई तो काम दूसरी एजेंसी को दिया जाएगा।
॥हमने कंपनियों को ऑर्डर दे दिए हैं। कंपनियों अभी से स्कूलों में आपूर्ति शुरू कर देंगी। इस साल के अंत तक सभी स्कूलों में यह डेस्क पहुंच जाएंगे। पंकज यादव, निदेशक प्राथमिक शिक्षा परियोजना परिषद
शिक्षा विभाग ने एचपीसीसी की मीटिंग में दी हरी झंडी
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२१ जिलों से डिमांड
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प्राथमिक विद्यालय २६०७७२
हाई स्कूल १०४७४६ वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय २०६७१६ विद्यालयों की कुल मांग ५७२२३४ |