अगर आप ने कोई मास्टर डिग्री कर रखी है और आगे गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय से डाक्टरेट करने का विचार कर रहे हैं तो जरा अपनी जेब पहले से ही भारी कर लें। गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय से पीएचडी करना प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों से अधिक महंगी है। एचएयू, केयूके व एमडीयू में जहां प्रत्येक सेमेस्टर की फीस तीन हजार व छह हजार के आसपास है। वहीं, जीजेयू में यह फीस इससे दोगुनी अधिक है। पीएचडी करने वाले छात्र अन्य विश्वविद्यालयों से दोगुनी फीस लेने का लगातार विरोध करते आ रहे हैं। मामले को लेकर छात्र संघ 4 अप्रैल 2011 को वाइस चांसलर एमएल रंगा से भी मिला था और उनसे पीचएडी की फीस अन्य विश्वविद्यालयों के समानांतर करवाने की मांग की थी। इसके बाद 13 सिंतबर 2011 व 1 मई 2012 को भी फीस कम करने के लिए विवि प्रशासन से मिले। छात्रों की बार- बार गुहार के बावजूद फीस में कोई कटौती नहीं की जा रही है।
बल्कि विवि पीएचडी फीस पुराने ढर्रे के आधार पर बढ़ाती ही जा रही है। जीजेयू में सोशल साइंस (एमबीए, मनोविज्ञान, मासकम्यूनिकेशन व एडवरटाइजमेंट) की पीएचडी व साइंस की पीएचडी की फीस भी समान रखी गई है। छात्रों में रोष है कि साइंस के छात्र तो रिसर्च के दौरान लैब, केमिकल्स व अन्य इंस्ट्रूमेंट का प्रयोग करते हैं, जबकि सोशल साइंस के छात्र को इन सब चीजों की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन फीस दोनों को बराबर अदा करनी पड़ रही है। कहां है कितनी फीस गुरु जंभेश्वर विवि में 2010-11 से प्री पीचएडी फीस 10 हजार, रजिस्ट्रेशन फीस तीन हजार, प्रत्येक समेस्टर की फीस 13 हजार व परीक्षा फीस आठ हजार रुपये हैं। वहीं कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में पीएचडी की प्री पीएचडी फीस 3500 रुपये और प्रत्येक समेस्टर की फीस छह हजार रुपये है। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में प्री पीएचडी फीस पांच हजार व सेमेस्टर फीस तीन हजार व हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में प्रत्येक सेमेस्टर, रजिस्ट्रेशन व प्री पीएचडी फीस मिलाकर 12हजार रुपये है। छात्र संगठनों में रोष अन्य विश्वविद्यालयों से दोगुनी फीस लेने के विरोध में छात्र संघ बृहस्पतिवार को गुजवि प्रशासन से मिलेगा। एएसएफ के प्रधान मनदेव ने कहा कि बृहस्पतिवार को छात्र संघ दोबारा विवि प्रशासन से मिलेगा। उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन जल्द ही फीस कम करने का आश्वासन नहीं देता है तो छात्र संघ के सदस्य भूख हड़ताल पर बैठेंगे। गुजवि के रजिस्ट्रार आरएस जागलान ने बताया कि फीस बढ़ाना व घटना विवि का अपना अधिकार है। उन्होंने कहा कि पीएचडी एक हाई प्रोफेशनल डिग्री है। इसमें गंभीरता होना आवश्यक है। दूसरे विश्वविद्यालयों से अगर यहां अधिक फीस होगी तो छात्र गंभीरता से भी पढ़ाई करेंगे। उन्होंने कहा कि कहीं प्रोस्पेक्ट्स की फीस अधिक है तो कहीं वार्षिक फीस। विवि ने पिछले वर्ष यह फीस बढ़ाई है। अब दो-तीन वर्षो तक फीस बढ़ाने की उम्मीद नहीं है।
बल्कि विवि पीएचडी फीस पुराने ढर्रे के आधार पर बढ़ाती ही जा रही है। जीजेयू में सोशल साइंस (एमबीए, मनोविज्ञान, मासकम्यूनिकेशन व एडवरटाइजमेंट) की पीएचडी व साइंस की पीएचडी की फीस भी समान रखी गई है। छात्रों में रोष है कि साइंस के छात्र तो रिसर्च के दौरान लैब, केमिकल्स व अन्य इंस्ट्रूमेंट का प्रयोग करते हैं, जबकि सोशल साइंस के छात्र को इन सब चीजों की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन फीस दोनों को बराबर अदा करनी पड़ रही है। कहां है कितनी फीस गुरु जंभेश्वर विवि में 2010-11 से प्री पीचएडी फीस 10 हजार, रजिस्ट्रेशन फीस तीन हजार, प्रत्येक समेस्टर की फीस 13 हजार व परीक्षा फीस आठ हजार रुपये हैं। वहीं कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में पीएचडी की प्री पीएचडी फीस 3500 रुपये और प्रत्येक समेस्टर की फीस छह हजार रुपये है। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में प्री पीएचडी फीस पांच हजार व सेमेस्टर फीस तीन हजार व हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में प्रत्येक सेमेस्टर, रजिस्ट्रेशन व प्री पीएचडी फीस मिलाकर 12हजार रुपये है। छात्र संगठनों में रोष अन्य विश्वविद्यालयों से दोगुनी फीस लेने के विरोध में छात्र संघ बृहस्पतिवार को गुजवि प्रशासन से मिलेगा। एएसएफ के प्रधान मनदेव ने कहा कि बृहस्पतिवार को छात्र संघ दोबारा विवि प्रशासन से मिलेगा। उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन जल्द ही फीस कम करने का आश्वासन नहीं देता है तो छात्र संघ के सदस्य भूख हड़ताल पर बैठेंगे। गुजवि के रजिस्ट्रार आरएस जागलान ने बताया कि फीस बढ़ाना व घटना विवि का अपना अधिकार है। उन्होंने कहा कि पीएचडी एक हाई प्रोफेशनल डिग्री है। इसमें गंभीरता होना आवश्यक है। दूसरे विश्वविद्यालयों से अगर यहां अधिक फीस होगी तो छात्र गंभीरता से भी पढ़ाई करेंगे। उन्होंने कहा कि कहीं प्रोस्पेक्ट्स की फीस अधिक है तो कहीं वार्षिक फीस। विवि ने पिछले वर्ष यह फीस बढ़ाई है। अब दो-तीन वर्षो तक फीस बढ़ाने की उम्मीद नहीं है।