मौलिक शिक्षा निदेशालय के सहायक शिक्षा निदेशक अश्वनी कुमार की ओर से 9 मई देर शाम को किए आदेश अनुसार ऐसे शिक्षकों पर कार्रवाई करना जरुरी था। जब ईमानदारी और कठिन परिश्रम का पाठ पढ़ाने वाले शिक्षक अनैतिक कार्य करेंगे तो विद्यार्थियों पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। इसलिए उन्हें नौकरी से डिसमिस और अन्य परमाल सिंह और मनोहरलाल को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है ताकि औरों को भी प्रेरणा मिले। तीनों को हरियाणा सिविल सर्विसेज (पनीशमेंट एंड अपील) रुल्स, 1987 के तहत कार्रवाई की गई है। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी संगीता यादव ने बताया कि इस बारे में पत्र मिल चुका है जिसके आधार उक्ततीनों शिक्षकों सेवामुक्तकर दिया है