Friday, May 11, 2012

नाम दर्ज, बच्चे गायब

एनजीओ भारत विकास संघ के अपना घर में पुलिस जांच के दौरान कई चौंकाने वाले तथ्य उजागर हो रहे हैं। संघ के रजिस्टर में दर्ज करीब दो दर्जन बच्चे संस्था में नहीं मिले हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर ये बच्चे कहां हैं? इस सवाल का जवाब ढूंढ़ने के लिए पुलिस मशक्कत कर रही है। जांच के दौरान कई और सनसनीखेज खुलासे हुए हैं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि अनाथालय में रह रही महिलाओं व किशोरियों से पूछताछ में एक महिला ने बताया कि कुछ समय पहले उसने एक बच्चे को जन्म दिया था, लेकिन वह अब कहां है, इसका उसे पता नहीं। एक और महिला ने भी
अपना बच्चा अब पास न होने की बात कही है। ये दोनों मामले मानव तस्करी की ओर इशारा कर रहे हैं। इतना ही नहीं एक किशोरी ने यौन शोषण व अन्य ने मारपीट किए जाने की बातें भी पुलिस को बताई हैं। बहरहाल पुलिस ने चार किशोरियों और दो युवतियों को मेडिकल जांच के लिए सामान्य अस्पताल भेज दिया है। रात करीब दस बजे तक इनकी जांच नहीं हो पाई थी। सूत्रों का कहना है कि जांच आगे बढ़ने पर और भी कई रहस्यों से पर्दा उठ सकता है। पुलिस अधीक्षक विवेक शर्मा ने भी माना कि संघ का रिकॉर्ड मेनटेन नहीं मिला है। कुछ रजिस्टरों में बच्चों के नाम हैं तो वहां बच्चे नहीं हैं और कुछ में बच्चे हैं तो उनके नाम रजिस्टर में नहीं हैं। बहरहाल पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है। जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। अन्य एनजीओ की भी होगी जांच अपना घर संस्था में बच्चियों के यौन शोषण की शिकायत के बाद आइजी रोहतक रेंज आलोक मित्तल ने रेंज के हर जिले में ऐसे एनजीओ की जांच का आदेश दिया है। (