राजकीय सीनियर सेकेेंडरी स्कूल, निजामपुर में पांच साल से विज्ञान संकाय में प्राध्यापकों की स्थायी नियुक्ति न होने के कारण विद्यार्थी अपने जेब से पैसे खर्च कर पढ़ने को मजबूर हैं।
अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित अभिभावक ब्लाक शिक्षा अधिकारी से लेकर उच्चतर शिक्षा आयुक्त और मुख्यमंत्री तक से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन उनकी कहीं सुनवाई नहीं हुई।
विद्यालय के प्राचार्य रामबाबू कादियान ने बताया कि राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय निजामपुर में लोगों की मांग पर शिक्षा विभाग ने 2007 में विज्ञान संकाय की कक्षाएं शुरू की थी। तभी से लेकर हर वर्ष विज्ञान संकाय में विद्यार्थियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। चालू शिक्षा सत्र में 125 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, लेकिन पांच साल का लंबा समय बीत जाने के बावजूद सरकार ने आज तक स्कूल में स्थायी प्राध्यापकों की नियुक्ति नहीं की है। स्थिति यह है कि सरकार ने गेस्ट फैकल्टी पर केवल रसायन विज्ञान की एक प्राध्यापिका की नियुक्ति की है।
जबकि फिजिक्स और बायो के प्राध्यापक की आज तक नियुक्ति ही नहीं की गई है। प्राध्यापक न होने के कारण विद्यार्थी अपनी जेब से प्राध्यापक का वेतन देकर पढ़ने को मजबूर हैं। हर बच्चे को सरकारी स्कूल में पढ़ने के बावजूद 500 रुपये प्रति माह खर्च करने पड़ रहे हैं।
प्राचार्य ने बताया कि प्राध्यापकों की नियुक्ति के लिए वे कई बार खंड शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी, उच्चतर शिक्षा आयुक्त चंडीगढ़ और शिक्षा मंत्री को भी लिखित मांग पत्र भेज चुके हैं।
लेकिन अभी तक प्राध्यापकों की नियुक्ति नहीं की गई है।
निजामपुर का सीनियर सेकेेंडरी स्कूल करीब 15-20 गांवों का केेंद्र है। यदि इस स्कूल में प्राध्यापकों की नियुक्ति कर दी जाए तो विज्ञान संकाय में सैकड़ों नए बच्चे दाखिला ले सकते हैं।