योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने विश्वविद्यालयों की मदद बंद करने और उनकी फीस बढ़ाने की वकालत कर उच्च शिक्षा महंगी होने की जमीन तैयार कर दी है। उच्च शिक्षा के लिए छात्रों को आसान शर्तो पर कर्ज देने की पैरोकारी कर रहे मोंटेक का केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल ने यह कहते हुए विरोध किया है कि जब तक सरकार ऋण की गारंटी नहीं देती तब तक कोई संस्था कर्ज नहीं देगी। सिब्बल ने योजना आयोग द्वारा शिक्षा वित्त निगम के प्रस्ताव को खारिज करने पर भी नाराजगी जताई है। उच्च शिक्षा में कारपोरेट क्षेत्र की भागीदारी पर रिपोर्ट जारी करने के
दौरान मोंटेक ने कहा कि सस्ती वित्तीय सहायता विश्वविद्यालयों को नहीं बल्कि विद्यार्थियों को दी जानी चाहिए। मैं विश्वविद्यालयों की फीस बढ़ाने के पक्ष में हूं। छात्रों को छात्रवृत्ति मिलनी चाहिए जिससे वे अच्छी जगह प्रवेश ले सकें।
दौरान मोंटेक ने कहा कि सस्ती वित्तीय सहायता विश्वविद्यालयों को नहीं बल्कि विद्यार्थियों को दी जानी चाहिए। मैं विश्वविद्यालयों की फीस बढ़ाने के पक्ष में हूं। छात्रों को छात्रवृत्ति मिलनी चाहिए जिससे वे अच्छी जगह प्रवेश ले सकें।