Thursday, May 10, 2012

मदवि भी करेगा पिछड़ी जातियों की पहचान

विभिन्न जातियों व उपजातियों के पिछड़ा वर्ग में प्रतिनिधित्व की दावेदारी पर हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग अतिरिक्त सर्वे कराएगा। यह जिम्मेदारी महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी के कंधों पर डाली है। यूनिवर्सिटी का समाजशास्त्र विभाग एक माह में अंतरिम और दो माह में अंतिम रिपोर्ट आयोग को सौंपेगा। पूर्व में किए गए सर्वे तथा इस अतिरिक्त सर्वे के तुलनात्मक अध्ययन के उपरांत आयोग रिपोर्ट सौंपेगा। आयोग ने बैठक के उपरांत इस आशय का निर्णय लिया है। बताया गया है कि महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी का समाजशास्त्र विभाग 50 हजार घरों का सर्वे करेगा। इस कड़ी में प्रदेश के सभी जिलों में अलग-अलग सर्वे किए जाएंगे। कुल 16 जाति व उपजातियों की पिछड़ा वर्ग में दावेदारी पर आधारित इस सर्वे के लिए आठ पृष्ठ की प्रश्नावली बनाई गई है। एमडीयू का समाजशास्त्र विभाग
आयोग से निर्देश के उपरांत इस दिशा में कार्य शुरू कर देगा। आयोग के चेयरमैन जस्टिस केसी गुप्ता बताते हैं कि एमडीयू के कुलपति को पत्र जारी कर दिया गया है। इससे पहले सरकारी एजेंसी क्रीड द्वारा किए गए सर्वे तथा अब होने वाले सर्वे की तुलना व मिलान कर आयोग अंतिम रिपोर्ट तैयार करेगा। ताकी लंबा न खिंचे रिपोर्ट का समय पिछड़ा वर्ग में प्रतिनिधित्व को लेकर आयोग ने दो अलग-अलग स्रोतों से रिपोर्ट तैयार करने का निर्णय लिया है। बताया गया है कि दोनों स्रोतों से तैयार रिपोर्ट के बाद न तो किसी तरह का झुकाव सामने आएगा और न ही कार्यकाल लंबा होगा। इन विषयों पर होगा सर्वे पिछड़ा वर्ग आयोग ने सर्वे में सभी जातियों व उपजातियों के शैक्षणिक संस्थानों में प्रतिनिधित्व, सरकारी महकमों में जाति, जिला व कैडर वार प्रतिनिधित्व तथा इनके परिवारों की सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक दशा को शामिल किया है।