प्रदेश में नियमित अध्यापकों की भर्ती के
संबंध में नए अधिसूचित सेवा नियमों पर
पात्र अध्यापकों का रोष चरम पर है।
उनका शिक्षा निदेशालय पंचकूला पर जारी
आमरण अनशन वीरवार को तीसरे दिन में
प्रवेश कर गया। आमरण अनशन पर बैठने
वाले पात्र अध्यापकों की संख्या में दिन-ब-दिन
इजाफा हो रहा है। पात्र अध्यापको ने
बृहस्पतिवार को छूट के मामले में सरकार की
सदबुद्धि के लिए बुद्धि शुद्धि यज्ञ भी किया
तथा मुख्यमंत्री की अस्वस्थता पर उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की। नए सेवा नियमों में अन्य कई विवादास्पद प्रावधान रद्द होने के बावजूद जिस प्रावधान पर सबसे ज्यादा फजीहत हो रही है, वह 4 वर्ष के अनुभव वाले सभी शिक्षकों को पात्रता परीक्षा पास किए बिना भर्ती में शामिल करने का उपबंध है। पात्रता से छूट देने के इसी प्रावधान पर प्रदेश के 1 लाख से ज्यादा पात्रता परीक्षा पास बेरोजगार अध्यापकों को सबसे ज्यादा
आपत्ति है। पात्रता परीक्षाओं में भाग लेने वाले करीब 15 लाख परीक्षार्थियों में से मात्र 1 लाख युवा ही पात्रता परीक्षा के दुर्ग को भेद सके हैं। पात्रता परीक्षा पास करने वाले युवाओं को उम्मीद थी कि जल्दी ही उन्हें नियमित अध्यापक भर्ती में अध्यापक लगने का अवसर प्राप्त होगा, परंतु चार वर्ष बाद सरकार ने नया प्रावधान कर दिया कि 4 वर्ष के अनुभव वाले शिक्षक भी बिना पात्रता परीक्षा पास किए नियुक्ति पाने के हकदार होंगे। आरटीई के तहत नियमित अध्यापक नियुक्ति के लिए पात्रता परीक्षा पास होना एक अनिवार्य योग्यता है। दसअसल सरकार ने वर्ष 2009 में भी पात्रता परीक्षा से अतिथि अध्यापकों को छूट दी थी, जिसे हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट ने यह कह कर रद कर दिया था कि नियमित भर्ती में सिर्फ अतिथि अध्यापकों को ही इस प्रकार की छूट देना असवैंधानिक है।
संबंध में नए अधिसूचित सेवा नियमों पर
पात्र अध्यापकों का रोष चरम पर है।
उनका शिक्षा निदेशालय पंचकूला पर जारी
आमरण अनशन वीरवार को तीसरे दिन में
प्रवेश कर गया। आमरण अनशन पर बैठने
वाले पात्र अध्यापकों की संख्या में दिन-ब-दिन
इजाफा हो रहा है। पात्र अध्यापको ने
बृहस्पतिवार को छूट के मामले में सरकार की
सदबुद्धि के लिए बुद्धि शुद्धि यज्ञ भी किया
तथा मुख्यमंत्री की अस्वस्थता पर उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की। नए सेवा नियमों में अन्य कई विवादास्पद प्रावधान रद्द होने के बावजूद जिस प्रावधान पर सबसे ज्यादा फजीहत हो रही है, वह 4 वर्ष के अनुभव वाले सभी शिक्षकों को पात्रता परीक्षा पास किए बिना भर्ती में शामिल करने का उपबंध है। पात्रता से छूट देने के इसी प्रावधान पर प्रदेश के 1 लाख से ज्यादा पात्रता परीक्षा पास बेरोजगार अध्यापकों को सबसे ज्यादा
आपत्ति है। पात्रता परीक्षाओं में भाग लेने वाले करीब 15 लाख परीक्षार्थियों में से मात्र 1 लाख युवा ही पात्रता परीक्षा के दुर्ग को भेद सके हैं। पात्रता परीक्षा पास करने वाले युवाओं को उम्मीद थी कि जल्दी ही उन्हें नियमित अध्यापक भर्ती में अध्यापक लगने का अवसर प्राप्त होगा, परंतु चार वर्ष बाद सरकार ने नया प्रावधान कर दिया कि 4 वर्ष के अनुभव वाले शिक्षक भी बिना पात्रता परीक्षा पास किए नियुक्ति पाने के हकदार होंगे। आरटीई के तहत नियमित अध्यापक नियुक्ति के लिए पात्रता परीक्षा पास होना एक अनिवार्य योग्यता है। दसअसल सरकार ने वर्ष 2009 में भी पात्रता परीक्षा से अतिथि अध्यापकों को छूट दी थी, जिसे हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट ने यह कह कर रद कर दिया था कि नियमित भर्ती में सिर्फ अतिथि अध्यापकों को ही इस प्रकार की छूट देना असवैंधानिक है।