राज्य सरकार जल्द ही हरियाणा लोकसेवा आयोग (एचपीएससी) के सदस्यों की संख्या फिक्स करने जा रही है। आयोग में अब चेयरमैन समेत हमेशा सिर्फ सात सदस्य रहेंगे। 2008 में राजनीतिक कारणों के चलते आयोग के सदस्यों की संख्या 13 तक पहुंच गई थी। इसके पीछे हमेशा से राजनैतिक कारण रहे।
मार्च 2005 में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद एचपीएससी विवादों में घिर रहा। तकरीबन पांच साल तक आयोग एक भी एचसीएस भर्ती नहीं करवा पाया, जबकि नियमानुसार हर साल ये भर्ती होनी चाहिए थी। पिछले दो-तीन साल से आयोग का कामकाज ढर्रे पर आने लगा लेकिन कभी भी आयोग को पूरे सदस्य नहीं मिल पाए। पिछले दो महीनों में ही आयोग के चेयरमैन डीपी वत्स और एक सदस्य पीपी पंडित रिटायर हो गए। इन दिनों आयोग में सिर्फ दो सदस्य बचे हैं। एक चेयरमैन और दूसरे सदस्य। आज मनबीर सिंह भडाना आयोग के कार्यकारी चेयरमैन हैं और जयसिंह सांगवान सदस्य।
सूत्रों के अनुसार, अब मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा लोक सेवा आयोग के सदस्यों की संख्या सात फिक्स करने का फैसला ले चुके हैं। इसका औपचारिक ऐलान राष्ट्रपति चुनाव के बाद होगा।
प्रदेश सरकार पहले ही कई पदों को आयोग के दायरे से बाहर निकाल चुकी है और कामकाज कम हो जाने के कारण ही इसके सदस्यों की संख्या फिक्स करने का फैसला लिया गया है। इससे आयोग में राजनैतिक हस्तक्षेप भी कम होने की उम्मीद है। अध्यक्ष मनबीर सिंह भडाना और जयसिंह सांगवान के अलावा अब सरकार को लोक सेवा आयोग के लिए सिर्फ पांच सदस्य ही नियुक्त करने होंगे।
मार्च 2005 में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद एचपीएससी विवादों में घिर रहा। तकरीबन पांच साल तक आयोग एक भी एचसीएस भर्ती नहीं करवा पाया, जबकि नियमानुसार हर साल ये भर्ती होनी चाहिए थी। पिछले दो-तीन साल से आयोग का कामकाज ढर्रे पर आने लगा लेकिन कभी भी आयोग को पूरे सदस्य नहीं मिल पाए। पिछले दो महीनों में ही आयोग के चेयरमैन डीपी वत्स और एक सदस्य पीपी पंडित रिटायर हो गए। इन दिनों आयोग में सिर्फ दो सदस्य बचे हैं। एक चेयरमैन और दूसरे सदस्य। आज मनबीर सिंह भडाना आयोग के कार्यकारी चेयरमैन हैं और जयसिंह सांगवान सदस्य।
सूत्रों के अनुसार, अब मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा लोक सेवा आयोग के सदस्यों की संख्या सात फिक्स करने का फैसला ले चुके हैं। इसका औपचारिक ऐलान राष्ट्रपति चुनाव के बाद होगा।
प्रदेश सरकार पहले ही कई पदों को आयोग के दायरे से बाहर निकाल चुकी है और कामकाज कम हो जाने के कारण ही इसके सदस्यों की संख्या फिक्स करने का फैसला लिया गया है। इससे आयोग में राजनैतिक हस्तक्षेप भी कम होने की उम्मीद है। अध्यक्ष मनबीर सिंह भडाना और जयसिंह सांगवान के अलावा अब सरकार को लोक सेवा आयोग के लिए सिर्फ पांच सदस्य ही नियुक्त करने होंगे।
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