जिले के 3300 बेरोजगारों में से करीब 800 फर्जी निकले हैं। ये युवक और युवतियां गलत दस्तावेज प्रस्तुत कर सरकार से बेरोजगारी भत्ता ले रहे थे। इसका खुलासा रोजगार विभाग के सर्वे में हुआ है। दो महीने से विभाग फर्जी बेरोजगारों की वेरिफिकेशन में लगा हुआ था। सर्वे में सामने आए तथ्यों को कंपाइल किया जा रहा है। अगामी कार्रवाई के लिए इन बेरोजगारों की विस्तृत सर्वे रिपोर्ट तैयार कर मुख्यालय भेजी जाएगी। वेरिफिकेशन के दौरान पाया गया कि उक्त युवा नियमों के विरुद्ध भत्ता ले रहे हैं। इनमें कुछ नौकरी कर रहें, कुछ लड़कियों की शादियां हो चुकी हैं तो कुछ मामलों में युवाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत हैं। सर्वे के लिए विभाग ने 10 सदस्यों की पांच कमेटियों का गठन किया था। जिनके सदस्यों ने शहर व गांव घर घर जाकर सर्वे किया।
पुलिस और विभागीय कार्रवाई के डर से कुछ युवाओं ने पहले ही सरेंडर कर दिया। शहर और गांव के इन युवाओं ने नौकरी मिल जाने की बात कह कर रोजगार कार्यालय में भत्ता बंद किए जाने के लिए आवेदन कर रखा है।
कुछ ऐसे मामले भी सामने आए हैं जिनमें लाभार्थियों के पास एसी कारें हैं और हिसार में कोठियां बनी हैं। ऐसेे युवा भी सामने आए हैं जिनके अभिभावक नौकरी करते हैं। कानूूनन ऐसे घरों के युवाओं को बेरोजगार नहीं माना जाता और न ही वे किसी तरह के बेरोजगारी भत्तों के लिए योग्य हैं।
देना होता है शपथपत्र
भत्ते के लिए उम्मीदवार को शपथ पत्र देना होता है। इसमें स्पष्ट होता है कि वे कहीं से रोजगार नहीं ले रहे हैं। इसके अलावा इनकी वार्षिक आय 50 हजार रुपए से ज्यादा नहीं है। संबंधित गांव के पटवारी या पार्षद इस बात को सत्यापित करते हैं। इस शपथ पत्र के आधार पर ही अभ्यर्थी को बेरोजगारी भत्ता दियाजाता है।
॥ सर्वे पूरा हो चुका है। करीब 800 बेरोजगार गलत पाए गए हैं। अधिकतर मामलों में बेरोजगारों के पास अच्छी खासी प्रॉपर्टी पाई गई। डाटा कंपाइल किया जा रहा है। सर्वे रिपोर्ट बनाकर मुख्यालय भेज दी जाएगी। इनके खिलाफ क्या कार्रवाई के संबंध में मुख्यालय से निर्देश आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।ञ्जञ्ज
डीसी भाटी. जिला रोजगार अधिकारी हिसार
पुलिस और विभागीय कार्रवाई के डर से कुछ युवाओं ने पहले ही सरेंडर कर दिया। शहर और गांव के इन युवाओं ने नौकरी मिल जाने की बात कह कर रोजगार कार्यालय में भत्ता बंद किए जाने के लिए आवेदन कर रखा है।
कुछ ऐसे मामले भी सामने आए हैं जिनमें लाभार्थियों के पास एसी कारें हैं और हिसार में कोठियां बनी हैं। ऐसेे युवा भी सामने आए हैं जिनके अभिभावक नौकरी करते हैं। कानूूनन ऐसे घरों के युवाओं को बेरोजगार नहीं माना जाता और न ही वे किसी तरह के बेरोजगारी भत्तों के लिए योग्य हैं।
देना होता है शपथपत्र
भत्ते के लिए उम्मीदवार को शपथ पत्र देना होता है। इसमें स्पष्ट होता है कि वे कहीं से रोजगार नहीं ले रहे हैं। इसके अलावा इनकी वार्षिक आय 50 हजार रुपए से ज्यादा नहीं है। संबंधित गांव के पटवारी या पार्षद इस बात को सत्यापित करते हैं। इस शपथ पत्र के आधार पर ही अभ्यर्थी को बेरोजगारी भत्ता दियाजाता है।
॥ सर्वे पूरा हो चुका है। करीब 800 बेरोजगार गलत पाए गए हैं। अधिकतर मामलों में बेरोजगारों के पास अच्छी खासी प्रॉपर्टी पाई गई। डाटा कंपाइल किया जा रहा है। सर्वे रिपोर्ट बनाकर मुख्यालय भेज दी जाएगी। इनके खिलाफ क्या कार्रवाई के संबंध में मुख्यालय से निर्देश आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।ञ्जञ्ज
डीसी भाटी. जिला रोजगार अधिकारी हिसार
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