यूपी सरकार ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई) द्वारा आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास करने वाले को भी उत्तर प्रदेश में शिक्षक बनने के लिए पात्र मान लिया है। इसके लिए बेसिक शिक्षा परिषद अध्यापक सेवा नियमावली में प्रावधान किया जाएगा। इसके साथ ही टीईटी को पात्रता परीक्षा मानने संबंधी कैबिनेट के निर्णय पर प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार ने गुरुवार को शासनादेश जारी कर दिया है। यूपी में 72 हजार 825 शिक्षकों की भर्ती के लिए नवंबर 2011 में टीईटी आयोजित की गई। इसमें गड़बड़ी की शिकायत पर मुख्य सचिव जावेद उस्मानी की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय कमेटी बनाते हुए रिपोर्ट मांगी गई। मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर इसे पात्रता परीक्षा मानने का प्रस्ताव कैबिनेट से पास कराया
गया। प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा ने कैबिनेट निर्णय के आधार पर शासनादेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि टीईटी पात्रता परीक्षा होगी। इसे पास करने वाला ही बेसिक स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए पात्र माना जाएगा। इसके साथ सीबीएसई द्वारा आयोजित टीईटी पास भी यूपी में शिक्षक बनने के लिए पात्र माना जाएगा। इसके लिए सहायक अध्यापकों की नियुक्ति के लिए अध्यापक सेवा नियमावली के 12वें संशोधन में
शैक्षणिक योग्यता के आधार पर चयन की पूर्व व्यवस्था बहाल की जाएगी। शासनादेश में कहा गया है कि छह माह के विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण के लिए चयनित बीएड कॉलेजों को भी अधिकृत किया जाए। टीईटी से संबंधित किसी अनियमितता, आपराधिक गतिविधियों में लिप्त पाए जाने वालों को शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के लिए प्रतिबंधित किया जाएगा और उसका चयन निरस्त किया जाएगा। इसके साथ ही टीईटी-2012 को छह माह के अंदर कराए जाने के लिए जरूरी तैयारियों को कहा गया है। पूरे प्रकरण की विभागीय जांच के लिए प्रस्ताव मांगा गया है। टीईटी कौन आयोजित कराएगा इसके लिए अलग से प्रस्ताव मांगा गया है।
गया। प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा ने कैबिनेट निर्णय के आधार पर शासनादेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि टीईटी पात्रता परीक्षा होगी। इसे पास करने वाला ही बेसिक स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए पात्र माना जाएगा। इसके साथ सीबीएसई द्वारा आयोजित टीईटी पास भी यूपी में शिक्षक बनने के लिए पात्र माना जाएगा। इसके लिए सहायक अध्यापकों की नियुक्ति के लिए अध्यापक सेवा नियमावली के 12वें संशोधन में
शैक्षणिक योग्यता के आधार पर चयन की पूर्व व्यवस्था बहाल की जाएगी। शासनादेश में कहा गया है कि छह माह के विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण के लिए चयनित बीएड कॉलेजों को भी अधिकृत किया जाए। टीईटी से संबंधित किसी अनियमितता, आपराधिक गतिविधियों में लिप्त पाए जाने वालों को शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के लिए प्रतिबंधित किया जाएगा और उसका चयन निरस्त किया जाएगा। इसके साथ ही टीईटी-2012 को छह माह के अंदर कराए जाने के लिए जरूरी तैयारियों को कहा गया है। पूरे प्रकरण की विभागीय जांच के लिए प्रस्ताव मांगा गया है। टीईटी कौन आयोजित कराएगा इसके लिए अलग से प्रस्ताव मांगा गया है।
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