जीजेयू में बैकलॉग के आधार पर भर्ती न होने से नाराज डीएएसएफआई कार्यकर्ताओं ने सोमवार को सांकेतिक धरना दिया। गेट नंबर तीन के सामने धरने पर बैठे डॉ. अंबेडकर स्टूडेंट फ्रंट ऑफ इंडिया के कार्यकर्ताओं की दोपहर बाद विश्वविद्यालय प्रशासन से बात हुई। विद्यार्थियों की समस्या जानने के बाद अधिकारियों ने बैठक कर एक कमेटी गठित कर जांच का आश्वासन दिया।
संगठन के प्रांतीय चेयरमैन प्रदीप अंबेडकर ने बताया कि उनकी चार मुख्य मांगें हैं। इसमें यूजीसी की ओर से 20 दिसंबर 2011 को जारी निर्देशों की अनुपालना करने, विश्वविद्यालय की सूचना के अनुसार एससी वर्ग के 39 बैकलॉग पदों को भरने, रोस्टर सिस्टम की गड़बड़ी दुरुस्त कराने, नियमों का उल्लंघन करने वाले
अधिकारियों और कर्मचारियों की उच्च स्तरीय जांच करा कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांगें मुख्य हैं। इसके अलावा रोस्टर प्रणाली की जांच में शामिल सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के जांच अधिकारियों की भी जांच की जाए। उन्होंने कहा कि वे अपनी मांगों को लेकर वीसी के अलावा प्रदेश के राज्यपाल, शिक्षा मंत्री व अन्य प्रबुद्ध लोगों को ज्ञापन दे चुके हैं। मगर, इस ओर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। विवि की इस उदासीनता को लेकर वे आंदोलन करेंगे। इस मौके पर अनिल अंबेडकर, संदीप, पुरुषोत्तम, विनोद, राकेश, मनोज, प्रदीप, विक्रम, मुकेश कुमार, सचिन समेत अनेक कार्यकर्ता मौजूद थे।
प्रवक्ता ने बताया कि धरने पर बैठे विद्यार्थियों को पूरी जानकारी नहीं है। विश्वविद्यालय ने 109 पदों को भरने के लिए विज्ञापन निकाला है। इसमें 33 पद एससी वर्ग के लिए आरक्षित हैं। यह बैकलॉग के अनुसार है। ये एससी उम्मीदवारों के लिए ही रहेंगे। बैकलॉग के आरक्षित पदों से किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की गई है।
एससी वर्ग से भेदभाव बर्दाश्त नहीं : संघ
जीजेयू के अनुसूचित जाति कर्मचारी कल्याण संघ की बैठक में एससी वर्ग से बरते जा रहे भेदभाव की निंदा की गई। विश्वविद्यालय परिसर में हुई बैठक में बैकलॉग के अनुसार पद नहीं भरे जाने पर आंदोलन करने का फैसला लिया गया।
संघ के अध्यक्ष खुशीराम ने बताया कि विश्वविद्यालय से आरटीआई में मिली सूचना के अनुसार रिक्त पदों को भरने के लिए आवेदन नहीं मांगे गए हैं। विश्वविद्यालय में सात प्रोफेसर, 15 एसोसिएट प्रोफेसर, 17 असिस्टेंट प्रोफेसर के पद रिक्त हैं।
विज्ञापन में इन्हें नहीं दर्शाया गया है। इससे अनुसूचित जाति वर्ग के उम्मीदवारों में रोष व्याप्त है। इस विज्ञापन को वापस लेने बारे में संघ शीघ्र ही वीसी से मुलाकात करेगा। यहां एससी वर्ग के रिक्त पदों को भरने की मांग भी की जाएगी।
संगठन के प्रांतीय चेयरमैन प्रदीप अंबेडकर ने बताया कि उनकी चार मुख्य मांगें हैं। इसमें यूजीसी की ओर से 20 दिसंबर 2011 को जारी निर्देशों की अनुपालना करने, विश्वविद्यालय की सूचना के अनुसार एससी वर्ग के 39 बैकलॉग पदों को भरने, रोस्टर सिस्टम की गड़बड़ी दुरुस्त कराने, नियमों का उल्लंघन करने वाले
अधिकारियों और कर्मचारियों की उच्च स्तरीय जांच करा कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांगें मुख्य हैं। इसके अलावा रोस्टर प्रणाली की जांच में शामिल सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के जांच अधिकारियों की भी जांच की जाए। उन्होंने कहा कि वे अपनी मांगों को लेकर वीसी के अलावा प्रदेश के राज्यपाल, शिक्षा मंत्री व अन्य प्रबुद्ध लोगों को ज्ञापन दे चुके हैं। मगर, इस ओर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। विवि की इस उदासीनता को लेकर वे आंदोलन करेंगे। इस मौके पर अनिल अंबेडकर, संदीप, पुरुषोत्तम, विनोद, राकेश, मनोज, प्रदीप, विक्रम, मुकेश कुमार, सचिन समेत अनेक कार्यकर्ता मौजूद थे।
प्रवक्ता ने बताया कि धरने पर बैठे विद्यार्थियों को पूरी जानकारी नहीं है। विश्वविद्यालय ने 109 पदों को भरने के लिए विज्ञापन निकाला है। इसमें 33 पद एससी वर्ग के लिए आरक्षित हैं। यह बैकलॉग के अनुसार है। ये एससी उम्मीदवारों के लिए ही रहेंगे। बैकलॉग के आरक्षित पदों से किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की गई है।
एससी वर्ग से भेदभाव बर्दाश्त नहीं : संघ
जीजेयू के अनुसूचित जाति कर्मचारी कल्याण संघ की बैठक में एससी वर्ग से बरते जा रहे भेदभाव की निंदा की गई। विश्वविद्यालय परिसर में हुई बैठक में बैकलॉग के अनुसार पद नहीं भरे जाने पर आंदोलन करने का फैसला लिया गया।
संघ के अध्यक्ष खुशीराम ने बताया कि विश्वविद्यालय से आरटीआई में मिली सूचना के अनुसार रिक्त पदों को भरने के लिए आवेदन नहीं मांगे गए हैं। विश्वविद्यालय में सात प्रोफेसर, 15 एसोसिएट प्रोफेसर, 17 असिस्टेंट प्रोफेसर के पद रिक्त हैं।
विज्ञापन में इन्हें नहीं दर्शाया गया है। इससे अनुसूचित जाति वर्ग के उम्मीदवारों में रोष व्याप्त है। इस विज्ञापन को वापस लेने बारे में संघ शीघ्र ही वीसी से मुलाकात करेगा। यहां एससी वर्ग के रिक्त पदों को भरने की मांग भी की जाएगी।