शिक्षक भर्ती नियम में किए गए बदलाव के विरोध में पात्र अध्यापक ने शनिवार को अंबेडकर जयंती समारोह में शामिल होने पहुंचे मुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री को काले झंडे दिखाने पहुंचे। सिविल लाइन थाना पुलिस ने मधुबन पार्क से करीब 22 पात्र अध्यापकों को हिरासत में लिया। पुलिस ने मधुबन पार्क से विनोद, सूबे सिंह, राकेश, अनिल यादव, विष्णु, दीपक, सुशील, पवन, कृपा राम, संजय, सुनील व सुभाष सहित करीब 22 पात्र अध्यापकों को हिरासत में ले लिया तथा शाम को सभी रिहा कर दिए गए। पात्र अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेन्द्र शर्मा ने कहा कि पात्र अध्यापक की परीक्षा पास कर नौकरी के इंतजार में बैठे हुए हैं।
परिवार सहित आत्महत्या करने की धमकी
पात्रता अध्यापकों ने प्रदेश सरकार को तीस अप्रैल तक का अल्टीमेटम देकर चार साल के शैक्षणिक अनुभव के फैसले को वापस की मांग की है। चेतावनी देते हुए सरकार का कहना है कि फैसला वापस नहीं लिया तो एक मई को चौ. रणबीर सिंह की समाधि स्थल पर धरना देकर आगामी रणनीति तय की जाएगी। पात्रता अध्यापकों का कहना है कि वे परिवार सहित आत्महत्या करने को भी तैयार हैं।
छोटूराम धर्मशाला में पात्रता अध्यापकों की बैठक में यह निर्णय लिया गया। संघ के प्रदेश प्रवक्ता प्रेम सिंह अहलावत ने कहा कि हरियाणा सरकार नियमित भर्ती में सिर्फ चार साल के शैक्षणिक अनुभव के आधार पर सभी को शामिल कर एक लाख पात्रता अध्यापकों के साथ धोखा कर रही है। सरकार को समय गवाए बिना अपना फैसला वापस ले लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पात्रता अध्यापक कई साल से संघर्ष कर रहे हैं, सरकार ने भी उनसे वायदा किया था कि नियमित भर्ती की जाएगी। अब सरकार ने गेस्ट टीचरों का कार्यकाल बढ़ाकर सरकार यह सिद्ध कर दिया है कि नियमित भर्ती करने की बजाए गेस्ट टीचरों को ही रखने के मूड में है। बैठक में निर्णय लिया गया कि रविवार को रोहतक मंडल के चारों जिलों में प्रदर्शन किया जाएगा। साथ ही पात्रता अध्यापक अपने प्रमाण पत्रों की शव यात्रा निकालेंगे। अगर सरकार ने समय के अनुसार यह फैसला वापस नहीं लिया तो एक मई को गांव खेड़ी साध स्थित चौ. रणबीर सिंह की स्मृति स्थल पर धरना देकर अग्रिम रणनीति तय की जाएगी।
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