पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) में ग्रेजुएशन स्तर के विभिन्न कोर्सों में दाखिले के लिए रविवार को 10 हजार से अधिक विद्यार्थियों ने संयुक्त प्रवेश परीक्षा (सीईटी) दी। सुबह 8.30 से शाम 6.10 बजे तक अलग अलग कोर्सों के लिए हुई परीक्षा के लिए 20 से अधिक परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। अधिकतर परीक्षा केंद्र पीयू कैंपस में ही थे। किसी को फिजिक्स का पेपर मुश्किल लगा तो किसी को बायोलाजी का। परीक्षा में बैठे अधिकतर छात्रों ने ओवरऑल पेपर को आसान बताया। जिनका पेपर अच्छा हुआ वे खिले हुए चेहरों के साथ बाहर निकले। सीईटी का परिणाम 3 जून के बाद घोषित होगा।
ट्राइसिटी के अलावा पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश से भी काफी संख्या में छात्र सीईटी देने के लिए पहुंचे थे। छात्रों के साथ आए अभिभावक कैंपस में अलग अलग स्थानों पर बैठकर इंतजार करते नजर आए। सुबह से ही पीयू कैंपस में गाड़ियों की लंबी लाइनें लगनी शुरू हो गई। सबसे पहला टेस्ट बीए-एलएलबी और बीकॉम-एलएलबी कोर्स में दाखिले के लिए हुआ। इसके बाद फिजिक्स और फिर केमिस्ट्री का पेपर हुआ।
फिजिक्स में सवाल थे कुछ टेढ़े
लुधियाना से पेपर देने आई अभिनंदन कौर ने कहा कि उसे केमिस्ट्री का पेपर आसान लगा, लेकिन फिजिक्स का पेपर थोड़ा मुश्किल थी। एक अन्य छात्र विक्रम ढींगरा ने कहा कि फिजिक्स में पूछे गए चार सवाल काफी भ्रमित करने वाले थे। चंडीगढ़ की छात्रा मानसी ने कहा कि उसे तीनों पेपर आसान लगे। सोलन से आए छात्र नरेंद्र ने कहा कि फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलाजी के पेपर के बीच में एक घंटा का ब्रेक था। यह नहीं होना चाहिए था। इससे समय बर्बाद होता है।
छात्र नेताओं ने घेरा परीक्षार्थियों को
पंजाब यूनिवर्सिटी में छात्र कौंसिल चुनाव चाहे सितंबर में होने हैं, लेकिन, सभी छात्र संगठनों ने अभी से चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। रविवार को सीईटी में बैठे परीक्षार्थियों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए छात्र संगठनों ने उन्हें हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया। परीक्षा केंद्रों के बाहर छात्र संगठनों के नेता अपने संगठन के पैंफलेट के साथ मौजूद थे। इन पर छात्र नेताओं के फोन नंबर लिखे थे। सोपू की ओर से सीईटी में बैठे परीक्षार्थियों को शनिवार को एसएमएस से शुभकामना संदेश भेजे गए थे। पुसू ने इसकी शिकायत करते हुए कहा था कि पीयू प्रशासन ने सोपू के नेताओं को छात्रों के फोन नंबर उपलब्ध कराए हैं। हालांकि सोपू नेताओं का कहना है कि उन्होंने कोचिंग संस्थानों से छात्रों का डाटा एकत्र किया।