लखनऊ। प्रदेश सरकार ने प्रमोशन में आरक्षण की व्यवस्था को खत्म कर उससे आने वाली सारी कानूनी अड़चनों को दूर दिया है। प्रमोशन अब मेरिट व वरिष्ठता पर होंगे। इससे प्रदेश के लाखों सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रमोशन का लाभ जल्द मिलना शुरू हो जाएगा। अदालती लड़ाई के चलते हजारों लोगों के रुके प्रमोशन अब शुरू हो जाएंगे। प्रोन्नति की पहले से बनी सूचियां अब इसी आधार पर नए सिरे से तैयार होंगी। मायावती सरकार ने प्रोन्नति के मामलों में अनुसूचित जातियों व एवं जनजातियों के लिए क्रमश: 21 प्रतिशत व 2 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की व्यवस्था की थी। लेकिन पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने प्रोन्नति में आरक्षण को
अंसवैधानिक बता कर उसे नकार दिया था। इसी आधार पर मंगलवार को सरकार ने सभी औपचारिकताएं पूरी करतेे हुए विस्तृत शासनादेश जारी कर किए हैं।
पदोन्नति के लिए पात्रता चयन की सूची नए सिरे से बनेगी ः
हर विभाग में अब नियुक्ति अधिकारी ज्येष्ठतम पात्र अभ्यर्थियों की एक पात्रता सूची तैयार करेगा। पहले हर विभाग आरक्षण की अलग अलग श्रेणी के हिसाब से तीन -तीन सूची तैयार करता था। अब एकल पात्रता सूची बना कर पदोन्नति की कार्यवाही की जाएगी। इस कारण पदोन्नति के लिए आरक्षण का लाभ देने वाले सभी शासनदेश निरस्त कर दिए गए हैं।
सभी बाधाएं हटाने के लिए तीन नियमावली व एक एक्ट में हुआ बदलाव,
हर विभाग में बनेगी एक वरिष्ठता सूची
सभी प्रमुख सचिवों, विभागाध्यक्षों व डीएम को मिला प्रोन्नति करने का अधिकार