Tuesday, May 8, 2012

भविष्य से हो रहा है खिलवाड़

शैक्षिक रूप से पिछड़े क्षेत्र में केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर खोले गए आरोही मॉडल स्कूल में नए सत्र से 10वीं व 12वीं की कक्षाएं बढ़ गई हैं। इन बढ़े हुए बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षकों का बेड़ा अभी तक नहीं बढ़ाया गया है। शिक्षकों के अभाव में बोर्ड कक्षा के बच्चे परेशान हैं। घिराय स्थित आरोही मॉडल स्कूल में पहले ही लगभग 100 बच्चे पढ़ रहे थे। नए सत्र से दो कक्षाओं के और आ जाने से बच्चों की संख्या में और इजाफा हो जाएगा। इन बच्चों को पढ़ाने के लिए अंग्रेजी व जीव विज्ञान का एक-एक लेक्चरर हैं। इसके अतिरिक्त गणित व हिन्दी के एक-एक लेक्चरर हैं जो सप्ताह में केवल तीन दिन ही आते हैं। इनमें से भी कुछ को मार्किग के लिए भेज दिया गया है। प्राध्यापकों के अभाव में बच्चों की शिक्षा पूरी तरह से बाधित हो रही है। साथ ही बोर्ड के फार्म भी नहीं भरे जा पा रहे हैं।
इस संबंध में पवन शर्मा, देवानंद शर्मा मांगे राम, रामधरी, जयपाल, बलवंत बूरा सहित अन्य गांववासियों ने बताया कि हमने अपने बच्चों को यहां आधुनिक शिक्षा देने के लिए भेजा था लेकिन शिक्षक के शिक्षक के बिना बच्चों का भविष्य चौपट हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कहा था कि इन स्कूलों में बच्चों को बेहतर शिक्षा दी जाएगी लेकिन यहां तो बच्चों को खुद ही पढ़ रहा है। ऐसे में बच्चों ने जो दूसरी जगह पर सीखा था वह भी भूल रहे है जिससे उनकी शिक्षा और खराब हो रही है। उन्होंने कहा कि यदि जल्द स्कूल की हालत नहीं सुधरी तो मजबूरन बच्चों को स्कूल से निकालना होगा। जल्दी होगा समाधान इस बारें में जिला शिक्षा अधिकारी दर्शना देवी ने कहा की आरोही स्कूलों में स्टाफ की समस्या आई हुई है । और लगभग एक सप्ताह के अन्दर आसपास के स्कूलों से स्टाफ की व्यवस्था कर दी जाएगी।