Wednesday, May 30, 2012

हरियाणा में आरटीई के तहत गरीबों को दाखिला देने की प्रक्रिया शुरू अब गरीब बच्चे भी पढ़ सकेंगे प्राइवेट स्कूलों में


हरियाणा सरकार शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) को नए सिरे से लागू करने जा रही है। अब ये गरीब नौनिहाल प्राइवेट स्कूलों में दाखिला ले सकेंगे। अभी तक केवल सरकारी स्कूलों में ही मुफ्त शिक्षा का प्रावधान किया हुआ था।
वैसे तो हरियाणा ने आरटीई लागू कर दिया है, लेकिन अभी तक सभी प्राइवेट स्कूलों में छह से 14 साल तक के बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने का स्पष्ट प्रावधान नहीं था। सरकार की योजना थी कि नेबरहुड स्कूल घोषित किए जाएंगे। इसमें सबसे पहले सरकारी स्कूलों को ही नेबरहुड स्कूल घोषित करना था। जहां सरकारी स्कूल उपलब्ध नहीं होता, वहां के किसी प्राइवेट स्कूल को नेबरहुड स्कूल में डालकर घोषित किया जाता। यानी आरटीई के तहत गरीब बच्चों को केवल नेबरहुड स्कूल में ही मुफ्त शिक्षा का अधिकार मिलता।
पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने अल्पसंख्यक स्कूलों को छोड़कर सभी प्राइवेट स्कूलों में गरीब बच्चों को दाखिला देने का निर्देश दिया है। इस फैसले के बाद केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने हरियाणा की शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल समेत राज्यों के शिक्षा मंत्रियों को व्यक्तिगत तौर पर पत्र लिखकर आरटीई लागू करने का आग्रह किया है। इसलिए हरियाणा सरकार अब नेबरहुड स्कूल घोषित नहीं करेगी। जिस भी स्कूल में कोई गरीब बच्चा दाखिला लेना चाहेगा, संबंधित स्कूल को 25 फीसदी आरक्षित सीटों के हिसाब से वह दाखिला उस स्कूल को देना होगा। ऐसे जिन बच्चों को दाखिला मिलेगा, उसके बदले संबंधित स्कूल को सरकार की तरफ से एक सरकारी स्कूल के बच्चे पर खर्च होने वाले राशि के बराबर प्रतिपूर्ति की जाएगी।
पहले केवल सरकारी स्कूलों में ही मिलना था दाखिला
14 साल तक के बच्चों को मुफ्त शिक्षा का प्रावधान
-गीती भुक्कल, शिक्षा मंत्री, हरियाणा सरकार