दसवीं व बारहवीं कक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन अब सरकारी स्कूलों के अध्यापकों व स्कूल लेक्चरर के हाथों से वापस ले लिया गया है। हाल में शिक्षकों के विरोध के कारण मूल्यांकन में हुई देरी के कारण बोर्ड के निदेशक मंडल ने मूल्यांकन कार्य अब सेवानिवृत्त व निजी स्कूलों के शिक्षकों से कराने का निर्णय लिया है। मूल्यांकन करने च्े इच्छुक शिक्षकों को शिक्षा बोर्ड में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। बोर्ड प्रशासन ने अभी से ही आवेदन मांगने शुरू कर दिए हैं और अगले सेमेस्टर की परीक्षाओं में मूल्यांकन का जिम्मा इन्हीं के हवाले कर दिया जाएगा। आवेदन फार्म का फार्मेट शिक्षा बोर्ड की वेबसाइट पर उपलब्ध कराया जा रहा है। शिक्षा बोर्ड अब मूल्यांकन उन्हीं शिक्षकों से करवाएगा,च्जो इच्छुक होंगे। मूल्यांकन करने वाले सेवानिवृत्त शिक्षकों की उम्र 58 से 65 साल के बीच ही होगी। गौरतलब है कि हाल ही में मूल्यांकन कार्य को लेकर शिक्षा बोर्ड प्रशासन व अध्यापकों के बीच काफी लंबी खींचतान चली थी। स्कूल लेक्चरर ने भी लंबा आंदोलन चलाया था। इस कारण काफी दिन तक मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार रहा और बोर्ड प्रशासन को मूल्यांकन कार्य में देरी का सामना करना पड़ा। शिक्षा बोर्ड के सचिव डी के बेहरा ने कहा कि बोर्ड निदेशकों की बैठक में फैसला हो चुका है।